स्कूली छात्राओं से कराया शिवराज का स्वागत, CM ने भी मना नहीं किया | Indore mp news

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में सीएम शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा वैसी एतिहासिक तो नहीं रही जैसी की भाजपा नेताओं ने प्लानिंग की थी परंतु विवादों और आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में जरूर एतिहासिक हो गई। सीएम के सामने भाजपा नेताओं ने एक दूसरे को जूतों से पीटा, यात्रा के दौरान भाजपा नेताओं ने पुलिस अधिकारियों को धम​काया और सांवेर में विधायक ने स्कूली छात्राओं से मुख्यमंत्री का स्वागत कराया। चौंकाने वाली बात यह है कि सीएम शिवराज सिंह ने भी ना तो इंकार किया और ना ही यूनिफार्म में भाजपा का प्रचार कर रहीं छात्राओं को सभास्थल से जाने के लिए कहा। 

सभा संयोजक के खिलाफ मामला दर्ज
मामला सांवेर विधानसभा का है। क्षिप्रा पुलिस थाने के प्रभारी अजय कुमार वर्मा ने बताया कि मांगलिया गांव में 15 अक्टूबर रविवार को मुख्यमंत्री की सभा में चुनाव आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के संबंध में स्थानीय बीजेपी नेता सुरेंद्र सिंह धनखेड़ी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। धनखेड़ी बीजेपी के मंडल अध्यक्ष हैं और वह इस सभा के प्रमुख संयोजक थे। उन्होंने बताया कि यह मामला सांवेर क्षेत्र के एक अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की जांच रिपोर्ट के आधार पर आईपीसी की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी के आदेश की अवज्ञा) के तहत शनिवार को दर्ज किया गया। 

यूनिफार्म में छात्राओं से शिवराज और विधायक का प्रचार करवाया गया
इस बीच, प्रदेश कांग्रेस सचिव राकेश सिंह यादव ने बताया कि उन्होंने निर्वाचन आयोग को शिकायत की थी कि मांगलिया में मुख्यमंत्री की 15 अक्टूबर को आयोजित चुनावी सभा में बीजेपी के प्रचार के लिए एक शासकीय स्कूल की नाबालिग छात्राओं को बैठाया गया, ताकि मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूली यूनिफार्म पहनीं छात्राओं के हाथ में चुनावी तख्ती भी थमायी गयी थी। इस तख्ती पर मुख्यमंत्री और सांवेर के बीजेपी विधायक राजेश सोनकर की तस्वीरों के साथ बीजेपी का चुनाव चिन्ह भी छपा था। 

सिर्फ सभा संयोजक के खिलाफ मामला क्यों
यह आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है परंतु केवल सभा संयोजक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया जबकि छात्राएं भाजपा विधायक राजेश सोनकर और सीएम शिवराज सिंह की तस्वीरें लिए हुए थीं। कार्यक्रम स्थल पर राजेश सोनकर उपस्थित थे एवं उन्होंने छात्राओं को देखा था। सीएम शिवराज सिंह ने भी छात्राओं को देखा लेकिन आपत्ति नहीं उठाई। क्या यह नहीं मान लिया जाना चाहिए कि सीएम शिवराज सिंह की सहमति से विधायक राजेश सोनकर के आदेश पर सभा संयोजक ने छात्राओं को प्रबंधित किया था। एक मंडल अध्यक्ष की क्या बिसात कि वो स्कूल बंद करवाकर छात्राओं को यूनिफार्म में इस तरह बिठा दे। 
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