भोपाल। मुरैना स्थित सतपुड़ा नर्मदा क्षेत्रिय ग्रामीण बैंक शाखा पारेसा में हुए करीब 2 करोड़ केे लोन घोटाले में ब्रांच मैनेजर संजय सहगल भ्रष्टाचार का दोषी सिद्ध पाया गया है। सीबीआई की विशेष अदालत ने बैंक मैनेजर सहित एक अन्य को तीन साल कैद और 9 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। फैसला विशेष न्यायाधीश आलोक अवस्थी ने सुनाया।
अभियोजन अनुसार घटना 12 नवंबर 2005 से 30 मई 2011 के बीच मुरैना स्थित सतपुड़ा नर्मदा क्षेत्रिय ग्रामीण बैंक शाखा पारेसा में हुई थी। बैंक के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर संजय सहगल ने विनोद शर्मा नामक व्यक्ति के साथ मिलकर 1 करोड़ 90 लाख 49 हजार रुपए का फर्जी लोन स्वीकृत किया था। मामले की जांच में पता चला था कि मेसर्स शर्मा एण्ड ब्रदर्स के प्रोपराईटर विनोद शर्मा ने अपनी मां के नाम की कंपनी का स्टॉक मोडगेज कर लोन प्राप्त किया था।
आरोपित शर्मा की मां अनार देवी माता दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी की प्रोपराईटर थी जिनकी पूर्व में ही मृत्यु हो गई थी। बैंक ऑडिट में जब अनार देवी की कंपनी के संबंध में जांच की गई तो उसमें पाया गया कि अनार देवी अनपढ़ थीं और अंगूठा लगाया करती थी। जबकि मोडगेज लोन में अनार देवी के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे।
इसी बात से फर्जीवाड़े का शक होने पर मामले की जांच शुरू हुई थी। आरोपितों ने मिलकर अन्य व्यक्तियों के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार करके लोन प्राप्त कर लिए थे। जिससे बैंक को करोड़ों रुपए का चूना लगाया था। सीबीआई ने आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जीवाड़ा षडयंत्र के अपराध में अदालत में चालान पेश किया था।
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