लड्डू वाली ट्रेन उस दिन 100 की स्पीड में क्यों चल रही थी: सिद्धू @ AMRITSAR TRAIN ACCIDENT

नई दिल्ली। अमृतसर हादसे की खबर के साथ ही सोशल मीडिया पर इसके लिए डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया जाने लगा। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने घटना के तत्काल बाद ना तो शोक जताया और ना ही सहायता की बात की बल्कि सीधे नवजोर कौर को जिम्मेदार बताया और दलीलें भी दीं। जैसे पहले से तैयारी थी, बिना आधिकारिक बयान के सोशल मीडिया पर डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को टारगेट कर दिया गया। अब मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने बड़ा सवाल पूछा है कि जिस लड्डू वाली ट्रेन में लोग दौड़कर सवार हो जाते हैं, दशहरा वाले ​दिन 100 की स्पीड में क्यों चल रही थी। उन्होंने यह भी पूछा कि जब एक गाय के लिए गेटमैन ट्रेन रुकवा देता है तो भीड़ के ट्रेन क्यों नहीं रुकवाई गई। बता दें कि इस घटना में 62 लोगों की मौत हो चुकी है। 

रेल ट्रैक की जिम्मेदारी रेलवे की होती है, किसी और की नहीं
पंजाब राज्य सरकार के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जोड़ा फाटक के पास धोबीघाट में रावण दहन के लिए दशहरा कमेटी ने पुलिस से अनुमति ली थी, जबकि हादसा ग्राउंड की दीवारों के पार रेल ट्रैक पर हुआ। रेल ट्रैक रेलवे की संपत्ति है और इसकी सुरक्षा जीआरपी का दायित्व है। आयोजन स्थल की चारदीवारी से रेलवे ट्रैक तकरीबन पचास फीट की दूरी पर स्थित है।

मंच से अनाउंसमेंट की गई कि लोग लाइनों पर खड़े न हों
सिद्धू ने कहा कि यह वक्त बेवजह अंगुलियां उठाने का नहीं है, लेकिन फिर भी लोग सवाल पूछ रहे हैं। जिस ट्रेन की चपेट में लोग आए उसकी रफ्तार 100 किलोमीटर थी। ट्रेन पर टॉप लाइट नहीं थी। ट्रेन का जंगला ग्लास से बना है, तो क्या ड्राइवर ट्रैक पर खड़े लोगों को देख नहीं सकता था। नवजोत कौर सिद्धू जब मंच पर थीं, तब मंच से अनाउंसमेंट की गई कि लोग लाइनों पर खड़े न हों, ट्रेन आपको नहीं पूछेगी। 

इसे लड्डू वाली ट्रेन कहते हैं, लोग भागते-भागते इस ट्रेन पर चढ़ सकते हैं
उन्‍होंने कहा कि मैं वर्षों से इस ट्रेन को देख रहा हूं। लोग इसे लड्डू वाली ट्रेन कहते हैं। लोग भागते-भागते इस ट्रेन पर चढ़ सकते हैं फिर क्या कारण है कि घटना वाले दिन ट्रेन की रफ्तार 100 किलोमीटर थी। 

एक गाय के लिए ट्रेन रोक दी जाती है, भीड़ के लिए क्यों नहीं रोकी
रेलवे का केबिन मैन जब एक गाय को देखकर फाटक बंद कर देता है, तो फिर ट्रैक पर खड़े लोगों को देखने के बावजूद ट्रेन क्यों नहीं रोकी? रेल ट्रैक पर एक शख्स भी बैठा हो तो उस पर एफआइआर दर्ज की जाती है। धोबीघाट में पुतले सुबह से सजने शुरू हो गए थे। क्या गार्ड को मालूम नहीं था कि यहां दशहरा उत्सव मनाया जा रहा है? सिद्धू ने कहा कि रेलवे ने ऐसा कौन सा आयोग बनाया जिसने चंद घंटों में ही रेलवे को क्लीन चिट दे दी।

चीफ गेस्ट कभी आयोजन के लिए जिम्मेदार नहीं होता
पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू पर उठ रहे सवालों के जवाब में सिद्धू ने कहा कि वह जोड़ा फाटक के पास आयोजित दशहरा कार्यक्रम में चीफ गेस्ट बनकर गई थीं। चीफ गेस्ट कभी आयोजन की अनुमति की जानकारी नहीं मांगता। नवजोत कौर उस दिन छह कार्यक्रमों की चीफ गेस्ट थीं। रावण दहन का तीसरा कार्यक्रम संपन्न करवाकर वह चौथे कार्यक्रम के लिए जोड़ा फाटक ग्राउंड पहुंची थीं।

कार्यक्रम साढ़े 6.30 बजे निर्धारित था और नवजोत कौर 6.40 पर मंच पर थीं
उन्‍होंने कहा कि कार्यक्रम साढ़े 6.30 बजे निर्धारित था और नवजोत कौर 6.40 पर मंच पर थी। जो लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि नवजोत कौर समय पर आतीं तो हादसा न होता, वे इसकी जांच कर सकते हैं। रावण दहन के बाद नवजोत कौर वहां से चली गईं। उन्हें पता चला कि हादसा हुआ तब उसने पुलिस कमिश्नर को फोन कर सत्यता जानी। पुलिस कमिश्नर ने हादसे की पुष्टि की और यह भी कहा कि वह अब वहां न जाएं, क्योंकि माहौल ठीक नहीं है। इसके बावजूद नवजोत कौर अस्पताल पहुंचीं और घायलों का इलाज किया।
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