SC/ST-ACT का आरोपी खुद को निर्दोष साबित करने फांसी पर झूल गया | UP NEWS

सौंरई/ललितपुर। थाना मड़ावरा अन्तर्गत ग्राम सौंरई में रविवार की रात्रि में एक अनाथ युवक ने अपने ही सूने घर में फाँसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। युवक एससी उत्पीड़न के मामले में आरोपी था। वो दावा कर रहा था कि एफआईआर गलत है। उसने 2 बार अग्रिम जमानत का प्रयास भी किया लेकिन जब बिफल रहा तो उसने आत्मघाती कदम उठा लिया।  सूचना पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिये भिजवा दिया।

बलराम (20) पुत्र सन्नू कुशवाहा रोज की तरह रविवार को भी अपने सूने घर में सोने चला गया। सुबह देर तक दरवाजे न खुलने पर परिजनों ने किसी तरह दरवाजे खोले तो अंदर का नजारा देखकर उनके होश उड़ गये। घर के आगे कि छपरी में फाँसी पर लटका हुआ था, परिजनों ने आनन-फानन में युवक को नीचे उतारा लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। मृतक के चाचा कनई कुशवाहा ने बताया एससी/एसटी एक्ट के एक मामले में उसे उसके लड़के और भतीजे बलराम को आरोपी बनाया गया था। जिसके चलते अभी चार दिन पहले मृतक के पास वारण्ट आया था, जिसके बाद वह दो बार ललितपुर गया, लेकिन यहा से उसे जमानत मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिखी तो उसे जमानत की अर्जी को लेकर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाना था। जाने की तैयारी को लेकर रविवार को ही उसकी मृतक से बात हुई थी। चाचा ने बताया कि बलराम पर मानसिक तनाव भी हो सकता है।

बचपन में ही अनाथ हो गया था बलराम
मृतक के परिजनों ने बताया कि बलराम जब 5 वर्ष का था तभी उसके पिता ने किसी बात से क्षुब्ध होकर अग्नि स्नान करके अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी और माँ साथ छोड़कर अन्यत्र चली गई थी। बलराम घर में अकेला ही निवास करता था, बचपन में ही माता पिता का साया ऊपर से उठ जाने से जिंदगी में उसके पहले से ही अकेलापन था। ऐसे में हरिजन उत्पीड़न के मामले में उसे जेल की सजा काटना था, शायद इसी वजह से उसे अपनी जि़न्दगी से लगाव नहीं रह गया था।
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