सरल बिल समाधान योजना के खिलाफ SC में भी जनहित याचिका खारिज | MP NEWS

भोपाल। 200 रुपए महीना बिजली बिल और सरल बिल समाधान योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका भी खारिज हो गई है। हाई कोर्ट की तरह  सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि यह योजनाएं सरकार और बिजली कंपनी  के बीच का मुद्दा है। इसमें अदालत दखल नहीं दे सकती। प्रदेशभर में एक करोड़ से  ज्यादा लोगों को इस योजना का लाभ सरकार ने दिया है।

हालांकि यह बात अलग है बिजली इंजीनियरों ने इस योजना में सक्षम लोगों को भी लाभ पहुंचा दिया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस विनीत सरन की खंडपीठ के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिए लगा था। पीजी नागपांडे ने यह याचिका दायर की थी। इसमें उल्लेख किया था कि सरकार को इस योजना का लाभ देने से पहले बिजली कंपनी को एडवांस में अनुदान देना चाहिए। उपभोक्ता चाहे जितनी बिजली खर्च करें, लेकिन बिल 200 रुपए महीना आएगा।

इंदौर  की बात की जाए तो जिन्हें 200 रुपए बिल योजना में शामिल किया है वह यह राशि भी नहीं भर रहे हैं। शहर के सभी 29 जोन कार्यालयों में 200 रुपए के बकायादारों की लंबी फेहरिस्त है। कंपनी के एमडी ने सभी जोन में बनाए गए हितग्राहियों की जांच भी शुरू करा दी है। सहायक इंजीनियरों ने केवल आधार कार्ड को आधार बनाकर 200 रुपए योजना में कई लोगों को शामिल कर लिया है।
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