रेल कर्मचारी: प्रॉपर्टी की तरह अपनी नौकरी भी बच्चों को दे सकते हैं | EMPLOYEE NEWS

नई दिल्ली। रेलवे ट्रेक की जांच कर रेल परिचालन को सुरक्षित बनाने वाले कर्मचारी जैसे अपनी संपत्ति अपने बच्चों को देते हैं, वैसे ही अपनी नौकरी भी दे सकते हैं। बस उनका ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी होगी। रेलवे बोर्ड ने बुधवार को इससे संबंधित योजना को बंद करने का निर्देश जारी किया था, जिसे शुक्रवार को वापस ले लिया गया।

इस निर्णय से देश भर के वैसे हजारों रेल कर्मचारियों के आश्रितों को लार्सजेस के तहत नौकरी मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है, जिनकी परीक्षा, मेडिकल जाच व अन्य जरूरी कार्रवाई पूर्व में कर ली गई है। अब उन्हें शीघ्र रेलवे से जुड़ने का अवसर मिलेगा। हालांकि ऐसे मामले 27 अक्टूबर 2017 के पूर्व के होने चाहिए। दो दिन पहले जारी आदेश में कहा गया था कि रेलवे के ट्रैक मैन, की मैन, गैंगमैन, पेट्रोल मैन वगैरह को लार्सजेस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

क्या है योजना
इस योजना के तहत रेलवे में कार्यरत ग्रुप डी के संरक्षा से जुड़े कर्मचारी 50 से 55 साल की उम्र में ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर अपने पुत्र या पुत्री को नौकरी दिला सकते थे। उन्हें अनुकंपा के आधार पर सीधी नियुक्ति मिल जाती थी। मंडल स्तर पर इस योजना का लाभ लेने के लिए ऐच्छिक सेवानिवृत्ति से संबंधित लिखित आवेदन देना पड़ता था कि उनकी जगह उनके पुत्र या पुत्री को नौकरी दी जाए। इसके बाद मेडिकली फिट को नौकरी मिलती थी।

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रेलवे के इस फैसले के विरोध में चार अक्टूबर को ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने काला दिवस मनाने का ऐलान किया था, जिसके बाद मंत्रालय बैक फुट पर आया और आदेश वापस लिया गया।
डीके पांडेय, अपर महामंत्री
ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन
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