CDTP योजना के कर्मचारी बोले: कमल का फूल हमारी सबसे बड़ी भूल | KHULA KHAT

भोपाल। सीडीटीपी योजना कर्मचारियों का संघ मध्यप्रदेश ने एक ईमेल भेजकर अपनी बात रखी है। बताया है कि उनसे 2 साल तक बिना वेतन के काम करवाया गया और पिछले 6 माह से उन्हे काम करने से रोके रखा गया है। कहते हैं जब बजट आ जाएगा तब काम शुरू करेंगे। हम उनकी भावनाओं का सशब्दश: प्रस्तुत कर रहे हैं, पढ़िए क्या लिखा है इन कर्मचारियों ने:- बात सुनकर शायद थोड़ी अटपटी लगे या फिर ऐसी जो गले ना उतरे लेकिन क्या करें इस विभाग के कर्मचारियों का दुखड़ा ही ऐसा है कि वह इस बार शायद ही प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार के पक्ष में मतदान करें। जब इन कर्मचारियों की आपबीती सुने तो शायद आपके मुंह से भी निकल जाए की बिल्कुल ना करें आप इन दोनों सरकार के पक्ष में मतदान। यहां बात हो रही है केंद्र सरकार से संचालित प्रदेश के 28 राज्यों में शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में कम्युनिटी डेवलपमेंट थ्रू पॉलिटेक्निक योजना की। 

केंद्र सरकार ने 24 महीने सैकड़ों कर्मचारियों से बेगारी कार्रवाई मानदेय नहीं दिया और योजना दबे पांव बंद कर दी। वर्षों से इस योजना में कार्यरत कर्मचारी अब स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि इन कर्मचारियों ने 24 महीने कार्य के दौरान वेतन के लिए गुहार नहीं लगाई। राज्य शासन से लेकर केंद्र शासन मानव संसाधन विकास मंत्रालय विभाग जहां से योजना संचालित थी। वहां तक गुहार लगाई लेकिन हर जगह नतीजा सिफर रहा। अधिकारी ने सही जवाब नहीं दिया या कहें इस योजना के लिए केंद्र शासन ने बजट ही आवंटन नहीं किया। 

बावजूद इसके अधिकारी सैकड़ों कर्मचारियों से इस योजना के लिए बेगारी करवाते रहे और एक दिन लेटर थमा दिया आपकी योजना में पैसा नहीं आ रहा है। पैसा आने तक आपकी योजना अस्थाई तौर पर बंद कर दी जाती है। बीते 6 महीने से सैकड़ों कर्मचारी बेगारी की मार झेल रहे हैं। वह इंतजार कर रहे हैं कब केंद्र शासन की आंखें खुलेगी और बजट का आवंटन होगा। 2 साल बेगारी बिना पैसे के काम अब 6 महीने से बेरोजगारी बेगारी और बेरोजगारी जैसे इन कर्मचारियों का नसीब बन गया है। 

देखना यह है कि प्रदेश शासन कर्मचारियों और प्रदेश की जनता के लिए पिटारा खोल रही है इस बात को केंद्र शासन तक पहुंचाती है या नहीं या फिर यह कर्मचारी खामोशी से इस चुनाव का बहिष्कार करते दिखाई दे। बात उठी है तो जरूर इस मामले को प्रदेश में कांग्रेसी मुद्दा बनाएगी क्योंकि जानकार बताते हैं कि कम्युनिटी थ्रू पॉलिटेक्निक योजना वर्षों से चली आ रही है केंद्र में जब तक कांग्रेस की सरकार थी इस योजना में कोई परेशानी नहीं थी समय पर भुगतान और बजट आ जाता था जिस कारण इस योजना में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारी प्रतिवर्ष हजारों बेरोजगारों को रोजगार मुखी प्रशिक्षण देकर रोजी रोटी चलाने के लायक बना देते थे लेकिन अब तो यही कर्मचारी स्वयं बेरोजगार हो गए हैं जो कल तक लोगों को रोजगार के लायक बना देते थे। 

अब इस विभाग की हर एक कर्मचारी यही बोल रहा है की कमल का फूल हमारी भूल क्योंकि जब से भाजपा की सरकार केंद्र में आई बजट और आवंटन जैसे रुक सा गया इसके पहले भी 27 महीने लगातार बेगारी करने के बाद भुगतान हुआ था। योजना बन्द होने से कर्मचारियों का रोजगार छीना गौरतलब रहे कि यह उस समय हुआ जब प्रदेश केंद्र में दोनों स्थान पर एक ही पार्टी की सरकार थी केंद्र सरकार ने बजट का आवंटन नहीं किया तो 27 महीने तक कर्मचारी भी गाड़ी करते रहे बमुश्किल बजट आया और कर्मचारियों को पैसा मिला अब लगा व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी लेकिन एक बार फिर 24 महीने से कर्मचारी बेगारी करते रहे और इस बार अधिकारियों ने इस योजना को अस्थाई रूप से बंद ही कर दिया। चुनाव से पहले इतनी बड़ी संख्या में लोगों की नाराजगी निश्चित ही सत्ताधारी पार्टियों के लिए मुश्किल बन सकती है। 
सम्पर्क अध्यक्ष 8109284966
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !