BIG NEWS | भारत सरकार ने ही रिलायंस का सुझाव दिया था: फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा

नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने बड़ा ख़ुलासा किया है। उनका कहना है कि अनिल अंबानी के रिलायंस का नाम उन्हें भारत सरकार ने सुझाया था। उनके पास और कोई विकल्प नहीं था। एक फ़्रेंच अखबार को दिए इंटरव्यू में ओलांद ने कहा कि भारत सरकार के नाम सुझाने के बाद ही दसॉल्ट एविएशन ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस से बात शुरू की। 

बता दें कि अप्रैल 2015 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की यात्रा पर गए थे तब फ्रांस्वा ओलांद ही राष्ट्रपति थे। उन्हीं के साथ राफेल विमान का करार हुआ था। 'मीडियापार्ट फ्रांस' नाम के अख़बार ने पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से पूछा कि रिलायंस को किसने चुना और क्यों चुना तो फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि भारत की सरकार ने ही रिलायंस को प्रस्तावित किया था। मीडियापार्ट फ्रांस ने लिखा है कि अरबों डॉलर के इस सौदे में भारत सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को दसॉल्ट एविएशन का साझीदार बनाने का प्रस्ताव दिया था।

क्या है मामला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ बातचीत के बाद 36 राफेल विमानों की खरीद का ऐलान किया था। करार पर अंतिम रूप से 23 सितंबर 2016 को मुहर लगी थी। कांग्रेस का कहना है कि यही विमान 2012 में 590 करोड़ रुपये में खरीदा गया था, मोदी सरकार ने उसे 2015 में 1690 करोड़ रुपये खरीदा। प्रति विमान 1100 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। 
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !