बच्चों से झूठ बोले शिवराज: हमने शिक्षकों की भर्ती भी की | MP NEWS

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह पर झूठे वाले करने का आरोप तो लगता ही रहता है। अब झूठ बोलने का मामला भी सामने आ गया है। सीहोर में आयोजित मिल बांचे कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह ने पहले तो बच्चों को पर्सनालिटी डवलपमेंट के टिप्स दिए, फिर अपने विकास कार्य गिनाने लगे। इसी दौरान उन्होंने यह भी कह डाला कि हमने शिक्षकों की भर्ती भी की। बता दें कि मध्यप्रदेश में 2011 के बाद से अब तक शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है। जहां तक अतिथि शिक्षकों का प्रश्न है तो शिक्षामंत्री उन्हे कर्मचारी मानने से ही इंकार कर चुके हैं। मप्र में शिक्षकों के 70 हजार पद खाली हैं। मजेदार बात तो यह है कि बच्चों को पढ़ाने के लिए शिवराज सिंह कक्षा में नहीं गए। मंच से संबोधित किया। बता दें कि मिल बांचें कार्यक्रम इसलिए आयोजित किया जाता है कि समाज के प्रबुद्ध लोग एक दिन कक्षा में जाकर बच्चों को अपने अनुभव के आधार पर जीवन में सफलता के मंत्र दें। 

बच्चों से कहा सदा सत्य बोलना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को मिल बांचें कार्यक्रम में सीहोर के लाड़कुई के स्कूल में पहुंचे। उन्होंने बच्चों के बीच घूमकर उन्हें महाभारत की कहानी सुनाई। इसमें उन्होंने दो मुख्य बातों पर फोकस किया। लक्ष्य हासिल करने के लिए एकाग्र होना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने पांड़वों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य द्वारा पूछे गए उस सवाल का जिक्र किया, जिसमें अर्जुन ने जवाब दिया था कि उन्हें चिड़िया की आंख दिखा दे रही है और कुछ नहीं। इसके साथ ही उन्होंने सदा सत्य बोलने की सीख का भी जिक्र किया। 

फिर मासूमों को अपने विकास कार्य गिनाने लगे
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा हमने शिक्षा को जनआंदोलन बनाने का काम किया है। अच्छी शिक्षा के लिए सारे संसाधन जुटाए, अधोसंरचना में सुधार किया, कई स्कूल खोले, उनके उन्नययन पर काम जारी है, शिक्षकों की भर्ती भी की। जो स्कूल दूर थे, बच्चे उन तक पहुंचे इसके लिए व्यवस्था की, बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, मुफ्त किताबें, गणवेश और अन्य सुविधाएं दी। इसके अलावा बच्चों को उच्च शिक्षा मिले इसके लिए सरकार फीस की व्यवस्था भी कर रही है। उन्होंने बताया कि आज 2 लाख से ज्यादा वॉलेंटियर पूरे प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर स्कूली बच्चों के बीच पहुंचे हैं, उन्हें शिक्षा और प्रेरणादायी बातें बता रहे हैं। 

चुनावी भाषण दे डाला, बस वोट की अपील नहीं थी
मुख्यमंत्री संबल योजना के हमने तय किया है कि गरीब बच्चों की प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की फीस सरकार ही भर रही है। बच्चों तुम मन लगाकर पढ़ो आगे बढ़ो। अभिभावकों को भी पढ़ाई के लिए प्रेरित करते रहना होगा। मेरे पास कुछ बच्चे आ कर कहते थे कि मामा हम पढ़ना चाहते हैं लेकिन हमारे परिजनों के पास हमारी पढ़ाई के लिए पैसे नहीं हैं, उन बच्चों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। पैसों की बाधा मेरे बच्चों की आंखों के सपनों के बीच नहीं आने दूंगा।
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