नई दिल्ली। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित महावीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज द्वारा सुप्रीम कोर्ट में मान्यता बहाली के लिए लगाई गई याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एक्सपर्ट बॉडी ने जो फैसला किया वही अंतिम एवं मान्य है। बता दें कि इस कॉलेज के अस्पताल में फर्जी मरीजों की भर्ती दिखाई थी।
निरीक्षण के दौरान स्वस्थ लोगों को मरीज के तौर पर दिखाकर धोखाधड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल के महावीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज पर दो करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की सिफारिश मानते हुए केंद्र सरकार ने मेडिकल काॅलेज की मान्यता रिन्यू नहीं की थी। इसके चलते सत्र 2018-19 में इसकी 150 सीटों पर दाखिला नहीं हो पाया था।
मेडिकल कॉलेज ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस एसए बोबड़े और एल. नागेश्वर राव की बेंच ने कहा कि एक्सपर्ट बॉडी की सिफारिश पर लिए गए फैसले में अदालत दखल नहीं देगी। निरीक्षण में पता चला था कि मरीजों की संख्या वास्तविक नहीं है। ऐसे में कॉलेज ने धोखाधड़ी की।
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