GST के दायरे में लाया जाएगा पेट्रोल-डीजल | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। बिहार के उपमुख्यमंत्री और जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) परिषद के सदस्य सुशील मोदी ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि काउंसिल पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाने पर तभी विचार करेगी, जब राजस्व का मासिक लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि शुरुआती महीनों में राजस्व में कमी आ सकती है, क्योंकि वस्तुओं पर कर की दरें घटाई गई है, लेकिन अनुपालन में सुधार के कारण लंबे समय में इसमें तेजी आएगी। मोदी ने कहा कि नया कर ढांचा संपूर्ण जीएसटी तभी बनेगा, जब इसके तहत पेट्रोलियम पदार्थो, स्टैंप और इलेक्ट्रिसिटी शुल्क को लाया जाए. उन्होंने कहा कि जिस सफलता के साथ जीएसटी को लागू किया गया है, तीन वर्ष के बाद किसी भी राज्य को मुआवजे की जरूरत नहीं होगी।

उन्होंने कहा, 'जब आप कर की दरें घटाते हैं तो अगले तीन-चार महीनों के लिए राजस्व में कमी आ जाती है और मॉनसून के मौसम में बिक्री घट जाती है, इसलिए कर कम जमा होता है। जब कर की दरें कम होती है तो लोग भी कर जमा करने में आनाकानी नहीं करते।'

आम लोगों को राहत देते हुए जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली बैठक में 50 से अधिक सामानों पर कर की दर को कम कर दिया था, जिसमें रेफ्रिजेटर्स, वाशिंग मशीन और छोटे टेलीविजन शामिल थे, जिन पर कर की दर को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया।

मोदी ने इंस्टीट्यूट ऑफ चाटर्ड एकाउंट्स ऑफ इंडिया के अप्रत्यक्ष कर समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम से इतर कहा, 'हमारा लक्ष्य हर महीने एक लाख करोड़ रुपये का कर इकट्ठा करना है।'

उन्होंने कहा, 'कोई भी राज्य पेट्रोलियम पर कर घटाना नहीं चाहता, क्योंकि वे इससे अपने राजस्व का 40 फीसदी हासिल करते हैं। यहां तक कि अगर इन पदार्थों को जीएसटी के तहत लाया भी गया, तो भी राज्यों को इन पर अलग से शुल्क वसूलने की छूट होगी।

सुशील मोदी ने कहा कि जीएसटी परिषद बुरे पदार्थों को छोड़कर कुछ अन्य सामानों पर भी 28 फीसदी से कर घटाकर 18 फीसदी करने पर विचार कर रही है।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !