14 साल के अद्वैत विश्व के चौथे युवा पर्वतारोही बने | INDORE NEWS

INDORE: बर्फीली पहाड़ियों पर चढ़ना चुनौती भरा काम है और ऐसे में जब रात में पर्वतारोहण की बात हो तो मुश्किल के साथ जोखिम और भी बढ़ जाता है। मगर शहर के महज 14 साल के अद्वैत अधिकारी ने अपने जोश, जुनून, साहस से यह कारनामा कर दिखाया। उन्होंने 20187 फीट की ऊंचाई पर स्थित 'स्टोक कांगरी' शिखर फतेह कर विश्व के चौथे सबसे युवा पर्वतारोही का खिताब प्राप्त किया। कक्षा 10वीं के छात्र अद्वैत अधिकारी ने इस शिखर को सबसे कम वक्त (6 घंटे 45 मिनट) में पार करके यह रिकॉर्ड अपने नाम किया है।  

लद्दाख क्षेत्र के उत्तर पश्चिम में स्थित स्टोक कांगरी की ट्रैकिंग अद्वैत ने 'ट्रैक दा हिमालय' समूह के साथ कुछ दिनों पहले ही की। 12 लोगों के दल में से 10 ने इस ट्रैकिंग में सफलता प्राप्त की। छह दिन और पांच रात में पूरे हुए इस पर्वतारोहण के बारे में अद्वैत बताते हैं कि लेह से 20 किमी दूर दक्षिण पश्चिम में स्थित स्टोक गांव से पर्वतारोहण का सिलसिला सुबह 9 बजे शुरू हुआ। पहले दिन ही 12500 फीट की ऊंचाई पर स्थित 'चांग-मा' पहुंचना था और इस दिन की सफलता के बाद अभियान आगे बढ़ता गया।

दूसरे दिन 'मनकोरमा' के लिए दल निकल पड़ा। जब हम वहां पहुंचे तो दिन का तापमान 10 डिग्री व रात का तापमान 4 डिग्री था। मगर सबसे कठिन चढ़ाई स्टोक कांगरी की थी। यहां पहुंचने के लिए रात को ही चढ़ाई करना होती है, क्योंकि सूरज निकलने के बाद मौसम सामान्य नहीं रहता। इसलिए सूर्योदय के पहले ही यहां पहुंचना था।

कैंप से शिखर तक की यात्रा 7.5 किमी की थी, लेकिन रात में यह दूरी भी मीलों की लग रही थी। बर्फ से ढंके पहाड़ पर चढ़ना मुश्किल था। रात 9.30 बजे शुरू हुई इस ट्रैकिंग को पूरा करने के लिए टॉर्च और रस्सियों का ही सहारा था। अद्वैत बताते हैं कि यह सबसे जटिल ट्रैक था, लेकिन सही मार्गदर्शन और सेहत के प्रति बरती सावधानियों के कारण यह ट्रैक 6 घंटे 45 मिनट में पूरा हो गया।

अद्वैत बताते हैं कि बचपन से ही मुझे हिमालय आकर्षित करता रहा है। ऐसे में उसे करीब से देखने व जानने के लिए ट्रैकिंग का रास्ता चुना। उन्होंने कहा कि मैं पर्वतारोहण का कोर्स भी करना चाहता हूं। मेरी सेना में भर्ती होकर देश सेवा की इच्छा भी हैं।

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