मेरिट होल्डर STUDENT की गलत कॉपी चेक, हाईकोर्ट ने MP बोर्ड पर लगाई कॉस्ट। MP NEWS

INDORE: मात्र एक साल का अनुभव रखने वाले एक शिक्षक ने 12वीं कक्षा के मेरिट होल्डर छात्र की गलत कॉपी जांची। नतीजा यह रहा कि छात्र ग्रेस नंबर के जरिए पास हो पाया। छात्र को अपनी काबिलियत पर भरोसा था। उसने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। दो विषय विशेषज्ञों से जांच कराई तो उसे फिजिक्स में 20 नंबर और अंग्रेजी में 14 अंक ज्यादा मिल रहे हैं। आगे किसी और छात्र के साथ ऐसा अत्याचार शिक्षक नहीं करें, इसके लिए उसने कॉपी जांचने की एक गाइडलाइन जारी करने की मांग की है। हाईकोर्ट ने गलत कॉपी जांचने पर एक हजार रुपए की कॉस्ट माध्यमिक शिक्षा मंडल पर लगाई। छात्र द्वारा ज्यादा अंक के दावे व गाइडलाइन जारी करने से पहले माशिमं को जवाब भी पेश करने के लिए कहा।

RTI से कॉपी निकाली तो हुआ खुलासा

जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ के समक्ष यह मामला लगा था। छात्र प्रखरसिंह भदौरिया की ओर से अधिवक्ता धर्मेंद्र चेलावत ने याचिका दायर की थी। छात्र ने 12वीं की परीक्षा दी थी। परिणाम आए तो उसे अंकसूची देखकर विश्वास नहीं हुआ। उसने याचिका दायर करने का फैसला लिया। याचिका में बताया उसने सूचना के अधिकार में कॉपी चेक करने वाले शिक्षक की जानकारी निकाली। पता चला कि उसे शिक्षण और कॉपी जांचने का मात्र एक साल का अनुभव है। छात्र ने अपनी कॉपी भी आरटीआई में निकाली और मॉडल उत्तरपुस्तिका से दिए जवाब का मिलान किया। उसने याचिका में दावा किया कि फिजिक्स में 20 और अंग्रेजी में 14 अंक ज्यादा मिल रहे हैं। हाई कोर्ट ने माशिमं के वकील से इस पर जवाब मांगा। कोर्ट में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर हजार रुपए की कॉस्ट लगा दी गई। छात्र को केमेस्ट्री में 100 में से 81, इंग्लिश में 100 में से 75, गणित में 100 में 65 अंक मिले हैं।

कोर्ट ने मांगा जवाब 


गाइडलाइन के मसले पर हाई कोर्ट ने माशिमं से जवाब देने के लिए कहा। मंडल के वकील ने कहा- एक सप्ताह में जवाब पेश कर दिया जाएगा। इस पर हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि एक सप्ताह में आप जवाब नहीं पेश कर पाओगे। आप चार सप्ताह का वक्त लीजिए। जवाब दीजिए कि बच्चों की कॉपी विषय विशेषज्ञ कैसे जांचेंगे।

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