
गौरतलब है कि मीट कारोबारी की हत्या और उसके बाद से इस पूरे मामले को राजनीतिक रूप देने की कोशिश की जा रही है। यही वजह है कि बीजेपी के नेताओं ने हत्यारों का शुरू से ही समर्थन किया है। कुछ महीने पहले बीजेपी के पूर्व विधायक शंकर चौधरी इन हत्यारों को छोड़ने के लिए 15 दिनों तक धरने पर बैठे थे। 2 जुलाई को जब नित्यानंद ज़मानत पर जेल से बाहर आया तो उसे लेने शंकर चौधरी खुद गए। नित्यानंद रामगढ़ बीजेपी का ज़िलाध्यक्ष है।
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने जयंत सिन्हा को निशाने पर लिया। इस मामले में यूथ कांग्रेस ने भी जंयत सिन्हा पर हमला किया। यूथ कांग्रेस ने एक ट्वीट कर कहा कि देश के 10 राज्यों में शक के आधार पर अभी तक 27 लोगों की हत्या की जा चुकी है और जयंत सिन्हा ऐसा करने वाले आरोपियो के स्वागत में लगे हैं।
झारखंड में विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया। उन्होंने हॉर्वड विश्वविद्यालय को भी टैग किया। उन्होंने लिखा कि आपका पूर्व छात्र इन दिनों गौ हत्या के शक में युवक की हत्या करने वाले आरोपियो को सम्मानित करने में लगे हैं। इस विवाद को लेकर जब जयंत सिन्हा से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
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