All Saints' School: प्राचार्य के खिलाफ FIR के आदेश, मान्यता भी रद्द होगी | BHOPAL NEWS

भोपाल। कलेक्टर भोपाल डॉ. सुदाम खाडे द्वारा अपर कलेक्टर श्रीमती दिशा नागवंशी के प्रतिवेदन के आधार पर ऑल सेंट स्कूल ईदगाह हिल्स की मान्यता समाप्ति हेतु शासन को लेख करते हुए शाला में बच्चों की शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना किये जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी को शाला प्राचार्य/ प्रबंधन के विरूद्ध जूविनाईल जस्टिस एक्ट-2015 के सेक्शन 75 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कराने के आदेश जारी किये गये।

ऑल सेंट स्कूल ईदगाह हिल्स के विरूद्ध जनसुनवाई एवं म.प्र.बाल संरक्षण आयोग से प्राप्त पत्र के पालन में अपर कलेक्टर भोपाल श्रीमती दिशा प्रणय नागवंशी द्वारा की गई जांच में अभिभावकों द्वारा की गई शिकायत की पुष्टि हुई। जांच में पाया गया कि ऑल सेंट स्कूल ईदगाह द्वारा मान्य शिक्षण संस्थान से अन्यत्र स्थान गोंदरमउ, अब्बास नगर स्थित ऑल सेंट कालेज के कक्षों में बच्चों का अध्यापन कार्य कराया गया। जांच के दौरान अधिकारियों को सहयोग न दिया जाना, वांछित अभिलेख उपलब्ध न कराने तथा अभिभावकों को शाला में प्रवेश न देना, अभिभावकों से अभद्रतापूर्ण व्यवहार करना शाला के मान्यता की शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन पाया गया। 

शिकायतकर्ता अभिभावकों के बच्चों के साथ ऑल सेंट स्कूल ईदगाह शाखा में पृथक कक्षा में बिठाये जाने से एक घंटा पूर्व खड़ा किये जो एसेम्बली में सम्मिलित न करने तथा कक्षा टीचर द्वारा बच्चों से अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने से भेदभाव मानसिक शारीरिक एवं मौखिक प्रताड़ना की पुष्टि होती है, जो कि म.प्र.शासन स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्र./एफ-44-28/2017/20-2 दिनांक 21.2.17 एवं पत्र क्रमांक. 44-9/2018 भोपाल दिनांक 14.03.18 एवं जूविनाईल जस्टिस एक्ट-2015 के सेक्शन 75 के तहत दंडनीय अपराध है। 

शाला में अध्ययनरत प्रायमरी कक्षा की छोटी बच्चियों के शौचालय के सामने महिला कर्मी की नियुक्ति न होना, शौचालय में पुरूष कर्मियों के निर्बाध प्रवेश होना पाये जाने से बच्चों की शारीरिक सुरक्षा के प्रति शाला प्रबंधन की स्पष्ट लापरवाही पाई गई तथा बच्चों को स्कूल बस द्वारा घर नहीं पहुंचाये जाने पर बच्चों के अभिभावकों को सूचित नहीं किया जाना तथा अकेले बच्चे पाये जाने पर शाला प्रबंधन द्वारा कोई सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाया जाना शाला में अध्ययनरत बच्चों के प्रति गंभीर लापरवाही पायी गई। 

शाला द्वारा जांच के दौरान अल्पसंख्यक संस्था होने पर परेशान किये जाने का दावा किया गया जबकि जिन बच्चों के अभिभावकों द्वारा शारीरिक/मानसिक प्रताड़ना एवं भेदभाव तथा बच्चों के प्रति लापरवाही की शिकायत की गई है वे सभी अल्पसंख्यक वर्ग के हैं जिससे अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को भी प्रताड़ित किये जाने की पुष्टि हुई। 
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