
इसके बाद विश्वविद्यालय ने पहले चरण में 2007 के पहले नौकरी पर लगे कर्मचारियों को स्थायी करने का फैसला लिया। इनमें 30 कुशल और 56 अर्द्धकुशल कर्मचारियों की सूची बनाई। अप्रैल में इन लोगों की उच्च शिक्षा विभाग ने भी जानकारी बुलवाई थी। बावजूद विवि का स्थापना विभाग स्थायी करने में अड़चनें पैदा कर रहा था।
मामले में संगठन के पदाधिकारी चैनसिंह यादव, रमेश कुशवाह, राकेश सिलावट समेत कई कर्मचारी नेताओं ने कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ से चर्चा की। उसके बाद स्थापना विभाग ने आदेश निकाला। इसमें एक भी कर्मचारी का मूल विभाग नहीं बदला। आदेश जारी होने के बाद कर्मचारी कुलपति से मिलने पहुंचे।