AJAY SINGH का आरोप: मेरे खिलाफ BJP ने साजिश की

BHOPAL: बता दें कि अजय सिंह की मां सरोज कुमारी ने मंगलवार को जिला अदालत में याचिका दायर कर अपना हक दिलाने की मांग की है। कोर्ट में दायर याचिका में उन्होंने कहा है कि दोनों बेटे अजय सिंह और अभिमन्यू सिंह ने मुझे भोपाल की कोठी से बेदखल कर दिया है, मैं बीमार हूं। वह मेरा इलाज नहीं करा रहे हैं और न ही मुझे भरण पोषण के लिए खर्च नहीं दे रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि जिस वकील ने मेरी मां की तरफ से केस दायर किया है। इसी वकील ने मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह की तरफ से मानहानि के केस में पैरवी की थी।

मां ने किसी के बहकावे में आकर मुझ पर ये आरोप लगाए हैं। इन आरोपों से दुखी हूं। ये बात बुधवार को अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह (राहुल भैया) ने कही। वह बुधवार को मां के लगाए आरोपों पर मीडिया के सामने सफाई दे रहे थे। उन्होंने भाजपा सरकार पर साजिश करने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि अजय सिंह सरकार पर आरोप न लगाएं, इस तरह के आरोप लगाना घटियापन की पराकाष्ठा है। मां तो मां होती है। बेहतर होगा कि मां को घर लाएं और उनका इलाज कराएं।

ऐसा कुछ भी नहीं है। असल में, वह मेरे और भाई के साथ रहना नहीं चाहती हैं। वह किसी के बहकावे में आ गई हैं, दुर्भाग्य से वह हमारी परिवार की ही सदस्य हैं। वह हमारी बहन वीणा सिंह के साथ ही रहना चाहती हैं। जबकि उनसे हमारे संबंध कई सालों से ठीक नहीं हैं। ये भाजपा की साजिश है, मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा के बारे में कहा कि उन्होंने सभी मीडियाकर्मियों को फोन करके कहा कि इसकी जितनी अच्छी खबर लगा सकते हो, लगाओ।

बेटे की शादी में लेने गया
इस दौरान मैं कई बार उनसे मिलने गया, जब बेटे अरुणोदय की शादी हुई तो भी मैं उन्हें लेने गया, लेकिन उन्होंने कहा, अंग्रेज से शादी कर रहा है, ये मुझे पसंद नहीं है। बच्चे बड़े हो गए हैं, ऐसे में वह किसी से शादी कर सकते हैं।

मां से अनुरोध अदालत के बाहर मामले को सुलझाएं
मां से मेरा अनुरोध है अगर इस मसले को अदालत से बाहर सुलझाएं तो अच्छा रहेगा। हमारी परिवार की एक सदस्य की वजह से ही ये परेशानी हुई है। मां को कई बार भोपाल बुलाया, उनसे मिला। इसके बाद भी वह मेरे साथ नहीं आईं। ऐसा कुछ भी नहीं है, ये मेरे खिलाफ साजिश है। इन आरोपों से दुखी हूं, लेकिन ऐसी घटनाएं सीख देती हैं और कॉन्फिडेंस बढ़ता है।

अजय सिंह का लिखित बयान...
यह दु:खद है और किसी परिवार के लिए अत्यंत दर्दनाक भी है, जब घरेलू विवादों को चौराहे पर घसीटी जाए। खासकर जब पूरे तमाशे का इरादा केवल राजनीतिक हो। मेरी मां निश्चित वृद्ध है पर लावारिस नहीं क्योंकि उनके दो बेटे हैं। मेरे पूज्यनीय पिताजी के स्वर्गवास के बाद कई सालों तक मैं माताजी को भोपाल लाने का प्रयास और अनुरोध करता रहा, पर मैं असफल और असमर्थ रहा। कोई ऐसी शक्ति थी जो उन्हें हमसे ज्यादा प्रभावित और संचालित कर रही थी। दुर्भाग्य से वह हमारे ही परिवार की सदस्य है।

वर्तमान में हालात ऐसे हैं कि वे हमारी बहन श्रीमती वीना सिंह के बगैर कहीं और रहना नहीं चाहती और वीना सिंह हमारे साथ रह नहीं सकती क्योंकि राजनीतिक कारणों से हमारे उनके रिश्ते कई वर्षों से मामान्य नहीं हैं। इतने सबके बावजूद मैं उनसे मिलने और उनके संबल बनने की हमेशा कोशिश करता रहा हूं। उन्होंने न तो मुझसे बात करना उचित समझा और न ही इश दुविधा को सुलझाने में कोई रुचि दिखाई।

मेरे पिताजी की मेरे जेहन में गौरवशाली और प्रतिष्ठित आदरणिय छवि है। इसलिए इस पारिवारिक विषय पर उनकी प्रतिष्ठा और छवि को कम से कम मैं जरूर ध्यान रखूंगा। क्योंकि एक पुत्र पिता की प्रतिष्ठआ को बढ़ाता है जिसका मैंने सदैव अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में प्रयास किया है, इसलिए इस पर ज्यादा नहीं कहूंगा।

यह पूरा मामला कोर्ट में है, तो सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि मुझ पर लगाए गए आरोपों से मैं अत्यंच दुखी और व्यथित हूंस क्योंकि मेरी मां ने किसी के बहकाने पर दो कुछ कहा वह सरासर झूठआ और असत्य है। वक्त मुझे इंसाफ देगा। मैं अपनी मांले एर प्रार्थना करते हुए एक संदेश देना चाहूंगा कि वे अपने आपको उन लोगों से स्वतंत्र कल लें जिन्होंने आपको भावनात्मक रूप से अपने वश में कर रखा है। बेहतर यह होगा कि अदालत या सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे पर चर्चा करने के बजाए आप और मैं साथ बैठे और समस्याओं का समाधान करें।

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