भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार के कुछ मंत्री और विधायक इन दिनों जो भी करते हैं खुलेआम करते हैं। एक मंत्री के बारे में बताया जा रहा है कि उन्हें सरेआम दूध माफिया को ना केवल बचाया बल्कि विभागीय अधिकारियों को मजबूर किया कि वो जांच में सबको क्लीनचिट दे दें जबकि चोरी का वीडियो वायरल हो चुका था। तमाम जद्दोजहद के बाद मामला तो दर्ज हुए लेकिन सिर्फ ड्राइवर और क्लीनर के खिलाफ। सूत्र बताते हैं कि भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के टैंकर एमपी 09 एचजी 2962 से 12 जून को सीहोर के हीरापुर में गोरेलाल परमार के फार्म हाउस पर दूध निकालकर पानी मिलाया गया। इस पूरे घोटाले का वीडियो वायरल हो गया। मीडिया में तमाम हंगामा हुआ तो जांच करानी पड़ी।
बताया जा रहा है कि मंत्री ने दूध माफिया को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। यहां तक कि अधिकारियों से यह लिखवाकर पुलिस को दे दिया गया कि विभागीय जांच में दूध की चोरी नहीं मिली है। दूध में कोई मिलावट नहीं पाई गई है और मात्रा भी पूरी है। 12 जून की घटना के लिए 26 जून की रात को सीहोर कोतवाली पुलिस ने टैंकर ड्राइवर राहुल मेवाड़ा (22) गोलूखेड़ी व क्लीनर रामस्वरूप मालवीय (24) चितावलिया पर धारा 407 का अपराध दर्ज किया है।
किसी का नाम तक नहीं आने दिया गया
घटना के 15वें दिन सिर्फ ड्राइवर व क्लीनर पर मामला दर्ज करना संघ के अधिकारी व पुलिस पर कई सवाल ख़ड़ा कर रहा है। संघ के पूर्व चेयरमैन मस्तान सिंह, पूर्व डायरेक्टर बलराम बारंगे, संघ के कर्मचारी नेता सरदार दिल बाग सिंह व जफर अली का कहना है कि पूरे मामले में ड्राइवर-क्लीनर तो सिर्फ मोहरा थे। चोरी के असल जिम्मेदार तो छुपे बैठे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ घटना के 15 दिन बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होना कई सवाल खड़े करता हैं। जानकारों का कहना है कि ये कार्रवाई खानापूर्ति हैं इसका संघ को कोई फायदा नहीं होगा।
कार्रवाई पुलिस को करना है, हम 2 बार पत्र लिख चुके हैं: सीईओ
असल चोरों तक पहुंचने के लिए संघ और सीहोर पुलिस एक-दूसरे का इंतजार कर रहे हैं। महासंघ की एमडी डॉ. अरुणा गुप्ता व संघ के सीईओ अभिषेक सिंह का कहना है कि वे कड़ी कार्रवाई के लिए सीहोर कलेक्टर, सीहोर एसपी से लगातार संपर्क में हैं। पुलिस को दो बार पत्र भी लिख चुके हैं। इसलिए पूरे मामले की जांच पुलिस को ही करनी है क्योंकि टैंकर भी पुलिस को मिला था।
अधिकारियों ने जांच में सबकुछ दुरुस्त लिखकर दिया है: एसपी
सीहोर एसपी राजेश चंदेल का कहना है कि टैंकर संघ का है। संघ के ही अधिकारी लिखित में कह रहे हैं कि टैंकर की सील सही पाई गई, दूध की मात्रा बराबर निकली, फैट व एसएनएफ में अंतर नहीं निकला। ऐसे में कार्रवाई करना मुश्किल हो रहा है। पुलिस का कहना है कि संघ कार्रवाई भी चाहता है और दस्तावेज भी नहीं दे रहा है। इसी तरह की खबरें नियमित रूप से पढ़ने के लिए MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com