निर्माण विभाग के कर्मचारी 100 किमी पैदल चलकर आए, सरकार ने ज्ञापन तक नहीं लिया

भोपाल। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को पालन कराने की मांग को लेकर राज्य निर्माण विभाग कर्मचारी संघ की 15 जून से शुरु हुई न्याय पदयात्रा बुधवार को भोपाल पहुंची। पदयात्रा में शामिल संघ के पदाधिकारियों ने बोर्ड आफिस चौराहे पर पहुंचकर संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके चरणों में ज्ञापन सौंपा। संघ के अध्यक्ष शंकर सिंह सेंगर ने चेतावनी दी है कि सरकार ने न्याय पदयात्रा, धरना और आमरण अनशन के बाद भी उनकी मांगे नही मानी तो संघ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव कर कर्मचारियों की शक्ति का प्रदर्शन करेगा। सेंगर ने कहा कि उनकी एक ही महत्वपूर्ण मांग कि सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन सभी स्थाई कर्मी/ दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों पर लागू करे। 

संघ कि 100 किलोमीटर लंबी न्याय पदयात्रा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध सलकनपुर मंदिर से मॉ वीजासन देवी की विधी विधान से पूजा अर्चना के साथ शुरु हुई थी। पदयात्रा सलकनपुर मंदिर से अब्दुल्लागंज, मंडीदीप, मिसरोद होते हुए बुधवार को भोपाल पहुंची यहां यात्रा का कर्मचारियों ने भव्य स्वागत किया। वही यात्रा के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचने पर मीडिया प्रभारी माणक अग्रवाल, प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्वागत कर न्याय पद यात्रा का समर्थन किया। अग्रवाल ने यात्रा में चल रहे कर्मचारियों का स्वागत कर उन्हे भरोसा दिलाया कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो संघ की जायज मांगो को पूरा किया जायेगा।  

यात्रा बोर्ड आफिस चौराहा, व्यापम चौराहा, मयूर पार्क, नानके पेट्रोल पंप तिराहा, रोशनपुरा चोराहा, होते हुए बारह दफ्तर पहुंची जहां यात्रा के स्वागत के साथ समापन हुआ। संघ 20 जून से 24 जून तक बारह दफ्तर के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से सांकेतिक धरना देकर सरकार पर निर्णय का पालन करने के लिए दबाब बनायेगा। तब भी सरकार ने नही सुनी तो संघ के पांच पांच पदाधिकारी 25 जून से 29 जून तक क्रमिक अनशन कर कर्मचारियों की लडाई को गांधीवादी तरीके से जारी रखेंगे। इसके बाद भी सरकार उनकी मांग नही मानती है संगठन प्रदेश के सारे कर्मचारियों को एकत्रित कर मानसून विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करेंगे।  

यात्रा में हुए शामिल
शंकर सिंह सेंगर प्रांताध्यक्ष, संजय पलसोदकर, राकेश टंडन, भारत सिंह चौहान, अनिल सिंह विशेष, राम गोपाल सिंह चौहान, अनीस खान प्रांतीय उपाध्यक्ष, खलील खान, देवेन्द्र भारद्वाज, लखन सिंह राजपूत, रामकुमार गुप्ता सहित प्रदेश पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी और बडी संख्या में अस्थाई कर्मचारी मौजूद रहेंगे।

ये है मांग
1. स्थाई वर्गीकृत/वर्गीकृत व स्थाई कर्मी कर्मचारियों को उनके कार्य केडर अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पद का वेतनमान स्वीकृत किया जाये व विभाग में रिक्त पदों पर उक्त कर्मचारियों का समायोजन किया जाये।
2. भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय व माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेशों का पालन समस्त कर्मचारियों पर एक समान समस्त हित लाभों को स्वीकृत कर पूर्व में जारी त्रुटिपूर्ण आदेश स्थान पर कर्मचारियों के हित में त्रुटि रहित आदेश यथाशीघ्र जारी करें ।
3. समस्त कार्यरत कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ यथाशीघ्र दिया जावे।
4. मध्यप्रदेश शासन ग्रेज्यूटी नियम 1962 के अनुसार ग्रेज्युटी का निर्धारण एवं अन्य हितलाभ यथाशीघ्र दिया जावे।

5. उक्त समस्त कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के आधार पर म.प्र. शासन पेंशन योजना का लाभ दिया जावे।
6. शासन के अधीनस्थ तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत नियमित व कार्यभारित कर्मचारियों को दिये जाने वाले लाभ अर्जित अवकाश, पद अनुसार कटौत्री व समस्त हितलाभ देेने आदेशित कार्यवाही शीघ्र की जावे।
7. अन्य कर्मचारियों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय समान कार्य समान वेतन एवं भारत सरकार के राजपत्र अनुसार न्यूनतम वेतन 24,000/- रू. प्रतिमाह लागू किया जावे।

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