
उधर बैंकों में हो रही हड़ताल से किसान मेहनत से कमाए गए अपने ही पैसे के लिए परेशान हैं। सूबे में ग्यारह लाख किसानों के खाते में गेहूं के बोनस के 2245 करोड़ रुपए जमा हुए हैं, लेकिन सहकारी बैंकों में आज से बेमियादी हड़ताल है। खाते में पैसा है लेकिन बेचारा किसान निकाल नहीं सकता।
मध्य प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन के उपाध्यक्ष विमल दूबे ने कहा कि बैंक बंद हैं किसानों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। भावांतर योजना मुख्यमंत्री की ठप्प हो चुकी है. भुगतान नहीं हो रहा. बोनस के 265 रूपये की घोषणा की वो भी बैंक बंद होने से भुगतान नहीं. खाद बीज का किसान पेमेंट नहीं निकाल पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हड़ताल से सहकारी बैंकों की 900 से ज्यादा ब्रांच में ताले पड़े हैं जिनके ग्राहक कम से कम तीन करोड़ किसान हैं। अगर किसी बुज़ुर्ग महिला पेंशन नहीं निकाल पा रही है तो किसान अपने खाते में जमा गेहूँ का बोनस नहीं निकाल पा रहे हैं। पैसा होने के बाद भी खेती की दिक्कतें जस की तस बनी हुई हैं।
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