
कहानी की शुरूआत शामली (उत्तर प्रदेश) इलाके में दौड़ रही ट्रेन में हुई। इसमें 15 साल की लड़की सवार थी। सामने एक युवक बैठा था। परवेज नाम का यह युवक लड़की को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा था। लड़की बात को समझ ही नहीं पाई और उसने इसे पहली नजर का सच्चा प्यार समझ लिया। दोनों में दोस्ती हो गई। परवेज लड़की को रंगीन सपने दिखाते हुए लोनी (गाजियाबाद) में ले आया। यहां उसका दोस्त शोएब भी आ गया। दोनों ने लड़की के साथ यौन संबंध बनाए। लड़की अब भी परवेज के प्यार में पागल थी। उसे पता ही नहीं था कि उसके साथ क्या कुछ हो रहा है और क्या होने वाला है।
इधर परवेज और शोएब में लड़की को जीबी रोड स्थित चकलाघर में बेचने की प्लानिंग कर ली। यूं कहिए कि इस मोड़ पर भगवान ने लड़की का साथ दिया। दोनों बदमाश जिस व्यक्ति को दलाल समझकर सौदा करने गए दरअसल, वो सादा वर्दी में तैनात पुलिस अधिकारी था। उसने दोनों को जाल में फंसाया और सौदा तय कर लिया। पुलिस ने जाल बिछाया और बदमाशों से लड़की लाने के लिए कहा। दोनों लड़की को लाए और कुछ समझ पाते इससे पहले वो पुलिस की गिरफ्त में थे।
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