विधानसभा अध्यक्ष के भाई ने 59 हजार वर्गफीट सरकारी जमीन दबाई

भोपाल। विधायकों के दल में सबसे ईमानदार, निष्पक्ष और नियम कानून की जानकारी रखने वाले विधायक को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जाता है। उम्मीद है सीताशरण शर्मा में भी ऐसे कुछ गुण होंगे परंतु होशंगाबाद से जो खबर आ रही है वो इससे उलट ही है। उनके अपने भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भवानीशंकर शर्मा ने 59 हजार 400 वर्गफीट सरकारी जमीन ना केवल अतिक्रमण कर लिया बल्कि उस पर एक स्कूल और दुकानें तानकर कमाई भी शुरू कर दी। जिला प्रशासन की जांच के बाद भवानीशंकर के निर्माण को अवैध और अति​क्रमण में पाया गया है। होशंगाबाद की राजनीति में शर्मा परिवार के प्रमुख विरोधी एवं प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल ने मांग की है कि होशंगाबाद में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर चल रहे स्कूल और अवैध दुकानों को तत्काल तोड़ा जाये। यह जमीन नगर पालिका के अधिपत्य की है।उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। बीते 14-15 साल से शर्मा परिवार का अवैध कब्जा है। 

अतिक्रमण करके 200 करोड़ की कमाई कर ली

श्री अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा के रसूख और दबाव के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है। श्री शर्मा संवैधानिक पद पर हैं, जहां से वे अक्सर लोकतंत्र की रक्षा की दुहाई देते रहते हैं, अब उनके स्वयं का परिवार सरकार की नाक के नीचे खुलेआम नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते हुए सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रहा है। इस अतिक्रमण से शर्मा परिवार ने लगभग दो अरब रूपये का लाभ कमाया है। सरकार को इसे भी जप्त कर सरकारी खजाने में जमा करना चाहिए, ताकि यह राशि लोकहित में खर्च की जा सके। 

और भी कई सरकारी संपत्तियों पर शर्मा परिवार का कब्जा

मानक अग्रवाल ने कहा है कि यह तो केवल एक उदाहरण है जो कलेक्टर की जांच में सामने आया है। यदि सघन जांच की जाये तो ऐसी बहुत सारी बेनामी और सरकारी संपत्ति सामने आ सकती है, जिस पर शर्मा परिवार का कब्जा है। विधानसभा के आखिरी सत्र में यह मामला आने वाला था। इसके अलावा इटारसी नगर पालिका में व्याप्त चरम सीमा को पार करने वाले भ्रष्टाचार का मामला भी विधानसभा में उठने वाला था। इस बात की जानकारी लगते ही येन-केन-प्रकारेण पांच दिन का सत्र डेढ़ दिन में ही समाप्त कर दिया गया। यह लोकतंत्र की हत्या का प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसी तरह की खबरें नियमित रूप से पढ़ने के लिए MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com

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