एमपी में माफियाराज: छतरपुर में अधिकारियों पर 1 घंटे तक फायरिंग

भोपाल। मप्र की सबसे बड़ी खबर आ रही है। आप इसे मप्र में माफियाराज भी कह सकते हैं। छतरपुर में रेत माफिया ने अधिकारियों पर लगातार 1 घंटे तक फायरिंग की। अधिकारियों की टीम भागकर रामपुर गांव में घुस गई। हमले की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांव का एक भी घर ऐसा नहीं बचा जिसकी दीवार में गोलियां ना धंसी हों। घटना बुधवार को दोपहर करबी साढ़े 3 बजे केन नदी पर हुई। मप्र शासन ने यहां रेत खदान स्वीकृत की है। इस नदी में अवैध रेत उत्खनन होता है। विधायक का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी ही माफिया की मिलीभगत से यह खदान चलवा रहे थे। अब जबकि खदान आवंटित की जा रही है तो माफिया ने अधिकारियों पर हमला कर दिया। 

पहले से तैयार था माफिया, अधिकारियों पर फायरिंग शुरू कर दी 

दरअसल गोयरा थाना क्षेत्र के इलाके केन नदी मप्र और उप्र की सीमा का निर्धारण करती है। नदी के उस पार उप्र की सीमा में उप्र के माफिया की खदान संचालित है। इधर छतरपुर जिले की ग्राम पंचायत कंदैला को रामपुर खदान सोमवार को स्वीकृत की गई है। रामपुर घाट पर सीमांकन करने के लिए गौरिहार तहसीलदार रामकिशोर झरबड़े, सरवई नायब तहसीलदार श्रीपत अहिरवार, खनिज अधिकारी गणेश अधिकारी राजस्व अमले पटवारी चंद्रेश पटेल, सरपंच और पहुंचे थे। इस दौरान सरपंच के रिश्तेदार भाजपा नेता रूद्रप्रताप पटेल सहित अन्य ग्रामीण भी थे। नदी में सीमांकन होते देख उप्र के माफिया ने छतरपुर जिले की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। पूरा गांव दहशत में आ गया और चंदला विधायक आरडी प्रजापति के पूर्व प्रतिनिधि रुद्र पटेल को गोली भी लगी, जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

फायरिंग के साथ साथ रेत उत्खनन जारी था

इतना ही नहीं फायरिंग होने के बाद मौका स्थल पर आसपास के थानों की पुलिस पहुंची, लेकिन हजारों ट्रक रेत से लगातार ही लोड हो रहे थे। रेत माफियाओं द्वारा फायरिंग करने के बाद भी उनके इस अवैध धंधे में कोई रुकावट नहीं आई।

जान बचाकर भागी अधिकारियों की टोली

यूपी रेत खदान में उत्खनन कर रही डिजयाना कंपनी द्वारा एमपी की सीमा में भी अपनी मशीने लगाई होने पर अधिकारियों ने एक एलएंडटी मशीन को पकड़ने का प्रयास किया। इसी दौरान डिजयाना कंपनी एवं यूपी के माफिया और एमपी के अधिकारियों से नोकझोक शुरू हो गई। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, यूपी की ओर से करीब आधा सैकड़ा लोग बंदूकें लेकर आए और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग होते ही तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खनिज अधिकारी सहित प्रशासनिक अमला और अन्य लोग अपनी अपनी जान बचाकर भाग खड़े हुए।

अधिकारियों के वाहन तोड़ दिए 

उधर से यूपी के रेत माफियाओं ने इन्हें खदेड़ना शुरू कर दिया। प्रशासनिक टीम के भागने के बाद रेत माफिया इस ओर आ गए और लगातार फायरिंग जारी रखी। उन्होने पटवारी चंद्रेश पटेल की बोलेरो एमपी 16 सीबी1309 सहित तहसीलदार और प्रशासन के 4 वाहनों में जमकर तोड़ फोड़ की।

नदी की धार बदलकर बना ली नई सीमा

यूपी पुलिस कह रही थी कि हमारी सीमा में उत्खनन हो रहा है। जबकि यह पूरा उत्खनन मप्र में हो रहा था। इसमें रेत माफियाओं ने एलएनटी मशीन से धार बदल ली और नदी की धारा प्रवाह को ही अपनी सीमा मानते हुए उत्खनन किया।

15 जून से प्रतिबंध, फिर क्यों गए सीमांकन करने

बुधवार दोपहर हुई घटना के संबंध में एक प्रश्न बार बार सामने आ रहा है। प्रशासन व कलेक्टर ने 15 जून से सभी नदी नालों में 4 माह के लिए रेत के उत्खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। जब शासन प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है, तब राजस्व टीम व खनिज टीम क्यों सीमांकन करने पहुंची। इन अधिकारियों ने प्रतिबंधित समय में किसने सीमांकन करने की अनुमति दी। इस कार्रवाई में संबंधित अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं।

हर दीवार और खंभों में गोली के निशान

घाट के पास ही बने जयराम केवट के घर में गोलीबारी हुई, जिसमें दीवारों में करीब 50 से ज्यादा निशान पाए गए। वहीं इस घर के पूरे खपरे भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसमें खंभों सहित गांव के घरों में गोलियों के निशान देखे जा सकते हैं। जयराम केवट ने बताया कि पूरा गांव घराें में छिप गया था। दरवाजें बंद कर दिए गए थे। इससे लोगों की जान बच गई। पूरी नदी पार कर गांव में घुसकर ही गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया गया।

अधिकारियों ने बंद किए मोबाइल

रामपुर रेत खदान पर हुई तोबड़तोड़ फायरिंग की घटना के बाद जहां प्रशासनिक अधिकारियों में भगदड़ मच गई, अधिकांश अधिकारी अपने वाहन छोड़ कर भाग खड़े हुए। वहीं घटना के बाद तहसीलदार , नायब तहसीलदार, खनिज अधिकारी गणेश विश्वकर्मा, गोयरा थाना प्रभारी, एसडीओपी ने अपने अपने मोबाइल ही बंद कर लिए। इससे इन अधिकारियों की कार्यशैली पर भी उंगली उठना स्वाभाविक है।

इस मामले में एडीशनल एसपी जयराज कुबेर ने बताया कि रामपुर घाट में दो पक्षों में विवाद हुआ है। इस घटना एवं विवाद के संबंध में अभी विस्तृत जानकारी नहीं मिली है। हम मामले की विवेचना कर रहे हैं, इसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी।

विधायक बोले: अधिकारी चलवा रहे रेत खदाने

चंदला विधायक आरडी प्रजापति पर रेत के कारोबार में शामिल होने के लगातार आरोप लग रहे हैं। घटना के बाद जिला अस्पताल पहुंचे चंदला विधायक आरडी प्रजापति ने राजस्व अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई खदानों काे अधिकारी कर्मचारी चलवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहां का पटवारी अमित सक्सेना और बनवारी लाल रेत की खदानें चंदला क्षेत्र में रेत खदानें चलवा रहे हैं। इसके पहले सूनमणि माझी वहां पर रहकर खदान को चलवाता रहा। वहां स्थानांतरण के बाद भी वह रेत की खदान को चलवा रहा है। विधायक ने कहा कि एसपी विनीत खन्ना के अलावा जिला प्रशासन के सभी अधिकारी रेत कारोबार में लिप्त हैं।
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