प्रवीण सोनी/बड़वानी। कहते हैं ना कि हत्या का रहस्य छुपाया नहीं जा सकता। वो कहीं ना कहीं से उजागर हो ही जाता है। यह भी ऐसे ही एक अंधे कत्ल की कहानी है। करीब 5 माह पहले एक युवा किसान ने अपनी ही माँ की हत्या कर दी। दूसरे दिन लाश भी ठिकाने लगा दी और पुलिस थाने जाकर माँ की गुमशुदगी भी दर्ज करवा आया। सबकुछ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। पुलिस क्या किसी गांव वाले को भी कुछ पता नहीं चल पाया लेकिन मानना पड़ेगा कि एक अदृश्य शक्ति है, जो हत्या का रहस्य छुपने नही देती। हत्यारे बेटे को मतिभ्रम हुआ। उसने खुद जाकर पुलिस को एक ऐसी टिप दे दी जिसके चलते वो और उसकी पत्नी दोनों सलाखों के पीछे हैं।
हत्या की, लाश ठिकाने लगाई और सामान्य जीवन जीने लगा
सिलावद पुलिस के अनुसार आरोपी कैलाश पिता खुमसिंह ने 7 जनवरी की रात अपने ही खेत में खुद की माँ सुरली बाई उम्र 50 वर्ष के सिर में लट्ठ से वार कर के उसकी हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद घर जाकर सो गया। दूसरे दिन पत्नी को घटनाक्रम बताया और केरोसिन लेकर वापस पत्नी के साथ खेत आया जहां उसकी माँ की लाश थी। फिर दोनों लाश उठाकर खेत से नाले पार ले गए और केरोसिन डालकर आग लगा दी। करीब 21 दिन बाद थाना सिलावद जाकर माँ की गुमशुदगी दर्ज करवा दी और साधारण जीवन जीने लग गया।
आश्चर्य: नाले में जलाई थी लाश लेकिन अवशेष खेत में आ गए
2 दिन बाद किसान कैलाश को अपने खेत में कुछ मानव अवशेष पड़े हुए मिले। जिसमे जबड़ा, खोपड़ी इत्यादि थे। वो घबरा गया और सीधे पुलिस के पास जा पहुंचा। पुलिस ने संदेह भी जताया कि यह माँ के हो सकते हैं परंतु कैलाश ने दृढ़तापूर्वक इंकार किया, क्योंकि वो खुद अपने हाथों से अपनी माँ के शव को नाले में जलाकर आया था। पुलिस ने उन मानव अवशेषों को एसएलएफ लैब सागर डीएनए टेस्ट के लिए भेज दिया और जब रिपोर्ट आई तो सारा मामला ही पलट गया।
रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा था कि ये अवशेष किसी महिला हैं जिसकी उम्र 50 वर्ष के आसपास होगी। किसान कैलाश की माँ की उम्र भी 50 वर्ष ही थी। बस फिर क्या था, पुलिस ने कैलाश को हिरासत में लिया और जब लाठियां चलीं तो कैलाश ने सारी कहानी खुद ही बयां कर दी।
किसान ने खुद बताया क्यों की माँ की हत्या
कैलाश ने पुलिस को बताया के उसके पिता खुमसिंह का 2 वर्ष पूर्व निधन हो गया था। जिसके बाद उसकी माँ मानसिक संतुलन खो बैठी थी और इस कारण वे अक्सर घर से बाहर घूमती रहती थी। जब कैलाश घर आता था तो पत्नी से इसी बात को लेकर विवाद भी होता था लेकिन पत्नी बस एक ही बात बोलती थी के तुम्हारे जाने के बाद माँ भी चली जाती है। कैलाश का ये हर दिन का काम हो गया था घर आने के बाद माँ को ढूंढना है और इसी कारण केलाश अपनी माँ से परेशान हो गया था। 7 जनवरी को भी जब वो मजदूरी करके घर आया तो उसे पता चला माँ सुबह से लापता है। केलाश उसे ढूंढने निकल गया और थक हार के अपने खेत गया। जहां उसको उसकी माँ सुरली बाई कोने में बैठी दिखी। कैलाश माँ को देखते ही आक्रोश में आ गया ओर उसने अपनी माँ के सिर पर लट्ठ दे मारा जिससे उसकी माँ की मौके पर मौत हो गई।
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