भोपाल। ग्वालियर राजवंश की राजमाता विजयाराजे सिंधिया को कौन नहीं जानता। जिन्होंने अपने खजाने से जनसंघ को खड़ा किया। जिन्होंने राममंदिर आंदोलन को जिंदा रखने की अपनी उंगली में पहनी अंगूठी तक निकालकर दे दी। जिन्होंने भाजपा को अपने आंचल में पालकर बड़ा किया। वही भाजपा उनका जन्म शताब्दी वर्ष भूल रही है। भाजपा के पास अब तक इसके लिए कोई योजना नहीं है लेकिन उनकी छोटी बेटी और मप्र की कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया इस अवसर को ऐसे ही नहीं जाने देंगी। वो अपने स्तर पर जन्म शताब्दी वर्ष मनाएंगी।
बता दें कि भाजपा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मशताब्दी वर्ष मनाया है। राजमाता भी उनकी समकक्ष नेता हैं। यशोधरा राजे ने अपने गृह नगर शिवपुरी में इसका ऐलान किया है। यशोधरा के अनुसार पार्टी मनाएगी या नहीं उसका उन्हें पता नहीं है, लेकिन वे जरूर यह करेंगी। यशोधरा ने अभी कोई कार्यक्रम जारी नहीं किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी यह आयोजन करेगी या नहीं, उन्हें नहीं पता, लेकिन वे जरूर करेंगी। बकौल यशोधरा, राजमाता ने भाजपा को खड़ा किया है। वे देश की अग्रणी महिला रहीं है। यहां बता दें कि मप्र भाजपा की ओर से किसी भी पदाधिकारी ने इस पर मुंह नहीं खोला। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने भी इस मसले पर चर्चा नहीं की।
मप्र में मृत्यु के बाद गुटाबाजी का शिकार हुईं राजमाता
राजमाता के योगदान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अभी भी सार्वजनिक तौर पर मानते हैं, लेकिन मप्र में राजनीतिक गुटबाजी की वजह से वर्तमान समय में राजमाता को भुला सा दिया है। खास बात यह है कि अमित शाह ने हाल ही में 4 मई को भोपाल में कहा था कि राजमाता ने भाजपा को खड़ा करने में महत्वपूर्ण योेगदान दिया। वहीं पिछले साल जब मप्र भाजपा की ओर से अटेर चुनाव में सिंधिया परिवार पर हमला बोला गया था, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंधिया राजघराने के समय क्षेत्र में रेल एवं बांध के निर्माण की तारीफ की थी।