जालसाजों ने फर्जी विभाग बना डाला, भर्ती प्रक्रिया चालू | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत भूमि सर्वेक्षण विभाग (INDIAN LAND SURVEY DEPARTMENT) में GOVERNMENT JOB दिलाने के नाम पर ठगा जा रहा है। पिछले तीन साल में देश के 9 राज्यों में हजारों युवकों से करोड़ों रुपए की ठगी की जा चुकी है। बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर संभवत: यह देश का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा है। इस जालसाजी को अंजाम देने के लिए नोएडा-गुड़गांव में फर्जी पते पर ऑफिस दिखाकर दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों के अखबारों में विज्ञापन देकर बेरोजगारों से ठगी की जा रही है।

अखबार में विज्ञापन देकर करते हैं ठगी 
आलम यह है कि इस मामले में ठगी के शिकार सैकड़ों लोग ग्रामीण विकास मंत्रालय के दिल्ली स्थित निर्माण भवन कार्यालय में फोन करके शिकायत भी कर चुके हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अक्टूबर 2017 में सीबीआई में मामला भी दर्ज हुआ। इसके बाद भी जालसाज कार्यालय का पता और अपना नाम बदल-बदल कर सक्रिय हैं।

2015 से चल रही है ठगी का कारोबार 
सबसे पहले जून 2015 में ही यूपी के बरेली, सुल्तानपुर एरिया में अखबार में विज्ञापन देकर भूमि सर्वेक्षण विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की शुरुआत हुई थी।
इस मामले में बरेली के रहने वाले अमित ने तत्कालीन डीएम से शिकायत की थी। मगर पुलिस ने गुड़गांव का पता देखकर जांच पूरी नहीं की।

CBI में भी हो चुकी है शिकायत
ठगी के मामले में 5 अक्टूबर 2017 को सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज की थी। जिस नेशनल डेवलपमेंट ऑफ लैंड रिफार्म इंडिया ((NATIONAL DEVELOPMENT AND LAND REFORM INDIA)) की वेबसाइट www.ndlri.com के नाम से लोगों से ठगी हुई थी उसमें भी नोएडा सेक्टर 50, एफ-ब्लॉक का पता दिया गया था। ठगी के इस मामले में 1108 पद पर इंटरव्यू के लिए आवेदन मिलने के बाद सभी को सेलेक्ट कर लिया गया था। सभी से इंटरव्यू के लिए 3-3 हजार मांगे गए थे। इस संबंध में अल्का उपाध्याय की शिकायत पर सीबीआई में मामला दर्ज हुआ था।

सरकारी बैंक एकाउंट बताकर भूमि सर्वेक्षण विभाग के दो ठेकेदार बताकर उनके अकाउंट नंबर में आवेदनकर्ताओं से पैसे मंगाए गए थे। दोनों पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट नंबर थे। पहला-0127000101399395। यह एकाउंट हितेश यादव के नाम पर है। इसका पता दिल्ली के फतेहपुरी, क्लोथ मार्केट, राम बाजार की दुकान नंबर-4843 पर है।

इस पते पर पहुंचे तो हितेश यादव नामक कोई शख्स नहीं मिला। बैंक अकाउंट में दिए फोन नंबर पर संपर्क किया तो पता चला कि उसे गाजियाबाद में रहने वाला दीपक प्रयोग कर रहा है। इस अकाउंट से एक महीने में ही कई लाख रुपए का ट्रांजेक्शन भी हो चुका है।

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