
उन्होंने कहा कि गौसेवक पशुपालन विभाग एवं सरकार की महत्वपूर्ण कडी है। पशुपालन विभाग के कृत्रिम गर्भादान, प्राथमिक उपचार, टीकाकरण, बधियाकरण विभाग द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओँ में ईमानदारी से काम करते है। गौसेवक गोकुल महोत्सव, कृषि महोत्सव, गोपाल पुरुस्कार, नंदी शाला रयोजना, मुर्रा पाडा योजना में भी किसानों को जागरुक कर रहे है। बावजदू इसके उनको नियमित नही किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नही किया तो आने वाले दिनों में वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगें।
गौरतलब है कि गोसेवक विगत कई वर्षो से पंचायत स्तर पर नियुक्ति, निश्चित मानदेय और एबीएफओ की भर्ती में पचास प्रतिशत आरक्षण देने की मांग कर रहा है। संघ ने फरवरी माह में अपनी मांगो को लेकर मुख्यमंत्री निवास को घेरने की कोशिश भी की थी। लेकिन पुलिस ने हजारों को गो सेवको को काली मंदिर के पास गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद गो सेवकों ने मांगों पर ठोस निर्णय नही होने पर एक अप्रेल से अनिश्चितकालीन हडताल पर जाने का ऐलान किया था। लेकिन हडताल पर जाने से पहले पशुपालन मंत्री ने उनकी मांगो पर विचार करने के लिए एक हफ्ते का समय मांग लिया था। जिसके बाद संघ ने हडताल वापस ले ली थी। हडताल स्थगित की गई थी।