
एसएस अहलूवालिया को स्वच्छता और पेयजल मंत्रालय में राज्य मंत्री से हटाकर इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है। यहां से हटने के बाद अब अल्फोंस कन्ननथनम केवल पर्यटन मंत्री बने रहेंगे। ध्यान रहे कि पिछले दिनों कैबिनेट विस्तार और फेरबदल को लेकर काफी अटकलें चलती रही थीं। माना जा रहा था कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक विस्तार कर रिक्त सीटों पर समीकरण के लिहाज से नए मंत्रियों को लाएंगे। बिहार में जदयू के साथ सरकार गठन के बाद उसके प्रतिनिधित्व की भी बात हो रही थी। लेकिन सोमवार की रात हुए फेरबदल ने एक तरह से उस अटकल को खारिज कर दिया है। चूंकि वित्त मंत्री जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट सोमवार को ही हुआ और उसके बाद उन्हें कुछ महीनों तक आराम करना होगा, इसलिए पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त जिम्मा दिया गया है।
राष्ट्रपति भवन से जारी सूचना में यह भी स्पष्ट किया गया कि वह केवल तब तक इस जिम्मेदारी पर रहेंगे जब तक जेटली अस्वस्थ हैं। दरअसल पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट रह चुके पीयूष गोयल वित्त मामलों के जानकार हैं। वैसे यह भी संयोग है कि उन्हें वित्त मंत्री बनाने की अटकलें भी लंबे समय से चलती रही हैं। सबसे बड़ा बदलाव स्मृति ईरानी के रूप में हुआ। पिछले फेरबदल में उन्हें कपड़ा के साथ साथ सूचना प्रसारण मंत्रालय का दायित्व दिया गया था। इस बार उनसे यह वापस ले लिया गया।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में कुछ मुद्दों को लेकर विवाद रहा था। स्मृति का व्यक्तित्व कुछ ऐसा रहा है कि टकराव की स्थिति बनती रही है। राज्यवर्द्धन न सिर्फ लंबे वक्त से इस मंत्रालय में राज्य मंत्री का कामकाज देखते रहे हैं, बल्कि उनकी खासी समझ है। वह पहले अरुण जेटली और फिर एम वेंकैया नायडू के साथ भी सूचना प्रसारण मंत्रालय में रहे थे। वह स्वतंत्र प्रभार के रूप में इस मंत्रालय में रहेंगे। लंबे अनुभव के साथ अहलूवालिया ऐसे व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं जो चुनौती ले सकते हैं।