अब तो स्वास्थ्य मंत्री के लिए भी पंखे-एसी नहीं चलाते

मुरैना। सरकारी अस्पतालों के हाल तो दशकों से खराब हैं लेकिन जब कभी कोई संत्री-मंत्री आता था तो साफ-सफाई हो जाती थी। पलंग पर चादरें बदल दी जातीं थीं। अस्पताल के सभी पंखे-एसी चालू हो जाते थे लेकिन अब ऐसा भी नहीं होता। यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री के लिए भी अस्पताल के पंखे-एसी तक नहीं चलाए जाते। जिला अस्पताल में मंत्री रुस्तम सिंह तो यह देख भड़क उठे। जिला अस्पताल में यह क्या हाल हैं...पंखे-एसी बंद हैं, पलंग पर चादरें फटी हुई हैं। जमीन पर मरीज लेटे हैं। सफाई भी ठीक से नहीं हो रही है। मैने कभी 10 लाख तो 20 और 50 लाख का बजट दिया। यह राशि कहां खर्च कर दी। 

अधिकारियों को डपटकर रह गए स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने बुधवार को सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सक्सेना व आरएमओ डॉ. पद्मेश उपाध्याय को डांट पिलाई और फिर सबकुछ पहले की तरह हो गया। ना तो स्वास्थ्य मंत्री किसी पर कार्रवाई करने की हिम्मत दिखा पाए और ना ही अधिकारियों ने सिस्टम सुधारा।  

मुरैना में सीलिंग फेन नहीं मिलते: CS

स्वास्थ्य मंत्री जैसे ही अस्पताल में पहुंचे तो उन्हें इमरजेंसी के सामने वाले हॉल में सीलिंग फैन नहीं दिखे। पूछने पर सीएस ने बताया कि-सीलिंग फैन मुरैना में नहीं मिलते हैं। मंत्री ने तपाक से कहा कि इंग्लैंड में तो मिलते होंगे। कभी बजट की कमी नहीं आने दी तो चिकित्सा सेवाओं में कमी क्यों है। स्वास्थ्य मंत्री ने आरएमओ डा. पदमेश उपाध्याय से सवाल किया कि इमरजेंसी हॉल में लगे वॉल फैन क्यों बंद हैं। आरएमओ ने जबाव दिया कि लाइट नहीं है। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कौन देखेगा इसे, आपको आरएमओ क्यों बनाया है।

लाचार मंत्री ने मरीजों से हमदर्दी जताई

फीमेल मेडिकल वार्ड में भर्ती मरीज हलुकी पत्नी रामप्रकाश कुशवाह को जमीन पर लेटा देख स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह व्यथित हो गए। उन्होंने कहा कि कोई भी मरीज जमीन पर नहीं लिटाया जाए। हालांकि इसके बाद भी हलुकी बाई को ​पलंग नहीं दिया गया। 

कुछ निर्देश देकर औपचारिकता पूरी की

नगर निगम आयुक्त डीएस परिहार चोक सीवर लाइन साफ करवाएं। 
दो दिन में समस्या हल हो। 
साथ ही सीवर लाइन को कहां, किस नाले से कनेक्ट करना है, यह भी तय हो। 
आउट सोर्स एजेंसी से अनुबंध के मुताबिक सफाई कराई जाए। 
जो काम नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए।

अस्पताल में चादर कम हैं, सिर्फ VIP को देते हैं

फीमेल सर्जिकल वार्ड में भर्ती अंगूरी के बेड पर घर की चादर देख स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह का पारा गर्म हो गया। उन्होंने सिविल सर्जन से पूछा कि मरीज अपने घर से चादर लेकर क्यों आ रहे हैं। भर्ती मरीजों के बेड पर चादर क्यों नहीं हैं। उसी बीच आरएमओ ने जबाव दिया कि चादरों की कमी है। यह बात सुनते ही मंत्री ने कहा कि आपने कभी चादरों की कमी का जिक्र मुझसे किया क्या। बताइए कितनी चादर चाहिए आपको। आरएमओ ने दबी जुबान कहा कि 2000 चादर मिलने पर व्यवस्थाएं ठीक हो जाएंगी। इसके लिए संचालक स्वास्थ्य को पत्र भी लिखा है।

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