DAVV: जल्दबाजी में बनाई मार्कशीट, 59 में से सिर्फ 21 पास

इंदौर। देवी अहिल्याबाई यूनिवर्सिटी ने हड़ताल के कारण जल्दबाजी में एमबीए का रिजल्ट घोषित कर दिया। हालात यह बने कि 59 में से सिर्फ 21 छात्रों को ही पास किया गया। मध्यप्रदेश के एकमात्र शासकीय एमबीए कॉलेज के प्रथम सेमेस्टर के 13 विद्यार्थियों को मैथ्स में जीरो मार्क्स मिले हैं। विद्यार्थी अंकसूची देखकर हैरान हैं। कुलपति नरेंद्र धाकड़ का भी मानना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। वो कहते हैं कि मुझे लिखित शिकायत मिली तो जांच कराउंगा। दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। 

हर विषय में नंबर काटे गए हैं

छात्रा राजनंदिनी जायसवाल का कहना है कि एकाध स्टूडेंट को जीरो अंक मिले तो समझ में आता है, लेकिन इतनी संख्या में शून्य अंक मिलने से पूरे रिजल्ट पर सवालिया निशान लग गया है। अन्य विषयों में भी स्टूडेंट को कम नंबर मिले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉपियां जांचने या नंबर चढ़ाने में लापरवाही बरती गई है। जिन विद्यार्थियों को कम नंबर मिले हैं उनका कहना है कि सभी सवालों के सही जवाब लिखने के बाद भी कम नंबर मिलना संदेह पैदा करता है। नाराज विद्यार्थियों ने कुलपति को पत्र लिखकर मांग की है कि सभी कॉपियां दोबारा जंचवाकर नया रिजल्ट जारी किया जाए। 

हड़ताल के कारण की गई गड़बड़ी

एमबीए प्रथम सेम में कॉलेज के 59 में से सिर्फ 21 स्टूडेंट पास हुए हैं। आधे से अधिक (38) स्टूडेंट एटी-कैटी मिली है। छात्रों का कहना है कि हड़ताल के कारण डीएवीवी पर रिजल्ट जारी करने का दबाव था। इसलिए जल्दबाजी में मनमाने तरीके से नंबर देकर रिजल्ट जारी किया गया है। मार्कशीट में भी नंबर लिखने में लापरवाही बरती गई है। नियमानुसार प्रैक्टिकल और थ्योरी के नंबरों का टोटल भी लिखा जाता है लेकिन एमबीए स्टूडेंट की मार्कशीट में ऐसा न करते हुए कॉलम ब्लैंक छोड़ दिया गया है। सिर्फ ग्रांड टोटल लिखा गया है। अन्य परीक्षाओं की अंकसूचियों में प्रैक्टिकल और थ्योरी के नंबरों को जोड़कर अलग से बने कॉलम में लिखा गया है। 

2018 का रिजल्ट 2017 में लिंक कर दिया

डीएवीवी ने एमबीए का रिजल्ट बुधवार को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया। पहले दिन स्टूडेंट 2018 के परिणामों में अपना रिजल्ट खोजते रहे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। बाद में उन्हें बताया कि 2017 के रिजल्ट की लिंक ओपन करें। स्टूडेंट का कहना है कि जब परीक्षा 2018 में हुई तो रिजल्ट 2017 की लिंक में क्यों अपलोड किया गया? 2018 में हुई सभी परीक्षाओं के रिजल्ट इसी साल के फोल्डर में हैं। केवल एमबीए का रिजल्ट पुराने साल में डालने का औचित्य समझ से परे है। शिकायत के बाद भी डीएवीवी ने भूल नहीं सुधारी है। ऑनलाइन रिजल्ट सर्च करने के लिए स्टूडेंट को परीक्षा वर्ष, विषय, रोल नंबर इत्यादि जानकारी फीड करना होती है। इस साल की लिंक में उक्त जानकारी भरने पर लिखा आता है कि रोल नंबर गलत है। 

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