मूल मुद्दे पर लौटी सपाक्स, प्रमोशन में आरक्षण मामले पर ज्ञापन सौंपे

भोपाल। पिछले कुछ समय से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने में व्यस्त  सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था अब मूल मुद्दे पर लौटती नजर आ रही है। आज सपाक्स के पदाधिकारियों ने भोपाल के सभी विधायकों के यहां आमद दर्ज कराई एवं ज्ञापन सौंपकर समर्थन मांगा। इस प्रक्रिया में सपाक्स को विधायक विश्वास सारंग का समर्थन मिला जबकि विधायक रामेश्वर शर्मा ने समर्थन देने से इंकार कर दिया। शेष कोई भी विधायक अपने निवास पर नहीं मिला। हालांकि ये सबकुछ औपचारिकताएं हैं। ध्यान देने योग्य केवल इतना है कि सपाक्स सुप्रीम कोर्ट में अपने मुद्दे पर कितनी ताकत से लड़ती है। 

ज्ञातव्य है कि विगत 2 वर्ष पूर्व माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने "पदोन्नति में आरक्षण" प्रकरण में मप्र शासन के पदोन्नति नियमों को असंवैधानिक पाते खारिज कर दिया था। एक वर्ग विशेष के तुष्टीकरण के लिये अपने नियमों के बचाव में उक्त निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय गई थी तथा आज ही के दिन मान न्यायालय ने यथास्थिति के अंतरिम आदेश पारित किये थे। तब से सरकार लगातार मात्र और मात्र यह प्रयास करती रही कि किसी भी स्थिति में इस प्रकरण में चुनाव तक फैसले को रोका जावे। मात्र इस हेतु ही सरकार ने करोड़ों रुपये व्यय किये। जबकि यह विदित है कि अंतिम निर्णय सरकार के विरुद्ध ही होना है। उप्र, राजस्थान और कर्नाटक में मान सर्वोच्च न्यायालय पूर्व में ही ऐसे निर्णय दे चुका है।

आज संस्थाओं के प्रतिनिधिमंडल, जिसमें लगभग 100 अधिकारी एवं कर्मचारी, समाज व युवा सम्मिलित रहे, द्वारा विश्वास सारंग राज्य मंत्री एवं विधायक नरेला विधानसभा भोपाल को ज्ञापन सौंपा गया। माननीय मंत्री जी द्वारा समस्त प्रतिनिधिमंडल को पर्याप्त समय देते हुए समस्त बातें ध्यान पूर्वक सुना गया तथा राज्य सरकार के समक्ष निर्णय हेतु पक्ष रखने का आश्वासन दिया गया। तत्पश्चात प्रतिनिधिमंडल माननीय विधायक श्री रामेश्वर शर्मा विधानसभा हुजूर से मिला। यह दुखद है कि मान विधायक महोदय द्वारा न तो कोई बात सुनी गई न ही किसी प्रकार की चर्चा की गई। यह स्वतः स्पष्ट है कि उन्हें बहुसंख्यक वर्ग के साथ हो रहे अन्याय से कितनी सहानुभूति है? प्रतिनिधिमंडल मान मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता एवं माननीय विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह भोपाल मध्य विधानसभा को ज्ञापन देने हेतु उनके निवास स्थान पर भी पहुंचा किंतु दोनों ही माननीय विधायकों के स्थानीय प्रवास पर होने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। 

विगत 2 वर्षों से सपाक्स एवं सपाक्स समाज संस्था "पदोन्नति में आरक्षण", एट्रोसिटी एक्ट में सुधार, आरक्षित वर्ग में क्रीमी लेयर, सपाक्स वर्ग के युवाओं के साथ समानता का व्यवहार इत्यादि मुद्दों पर संघर्ष कर रहीं है।

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