दलित ऐजेंडा: पीछे हटे शिवराज, अब गरीबों के लिए लुभावनी योजना

भोपाल। एक साथ थोकबंद वोट हासिल करने के लिए कसरत कर रहे सीएम शिवराज सिंह अपने दलित ऐजेंडे से पीछे हटते हुए नजर आए। अब तक आरक्षित वर्ग के लिए तमाम योजनाएं लागू करने वाले शिवराज सिंह ने इस बार जाति, धर्म और वर्ग से अलग केवल गरीबों के लिए नई योजना लागू करने का ऐलान किया है। उन्होंने इस योजना को 'जन-कल्याण योजना' नाम दिया है। शिवराज सिंह शहडोल संभाग के सोहागपुर विकास खण्ड की लालपुर ग्राम पंचायत में संभाग स्तरीय तेन्दूपत्ता संग्राहक और असंगठित श्रमिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। 

गरीबी, जाति, धर्म या वर्ग को देखकर नहीं आती: शिवराज सिंह

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि गरीबी, जाति, धर्म या वर्ग को देखकर नहीं आती। प्रदेश सरकार ने गरीबों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का निर्णय ले लिया है। अब समाज के कुलीन वर्ग से प्राप्त टैक्स का उपयोग इन गरीबों के कल्याण में खर्च किया जायेगा जिससे गरीब बेबस नहीं रहे। मुख्यमंत्री ने जन-कल्याण योजना की घोषणा करते हुए कहा कि इस योजना से ऐसे परिवार जो आयकर दाता नहीं है, जिनके पास 2.5 एकड़ से कम जमीन है, सरकारी नौकरी में नहीं है, को लाभान्वित किया जायेगा। जिनके पास रहने के लिये जमीन नहीं है, झोपड़ पट्टी में रहते हैं उन्हें जमीन का पट्टा दिया जायेगा। जो आदिवासी परिवार वर्ष 2006 से पहले वन भूमि में काबिज है उन्हें वनाधिकार पट्टा दिया जायेगा। इतना ही नहीं 4 वर्ष के भीतर प्रदेश के सभी गरीब परिवारों का पक्का मकान होगा, उन्हें इसके लिये अनुदान दिया जायेगा।

नि:शुल्क पढ़ाई, फ्री इलाज, 200 रुपए में अनलिमिटेड बिजली

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक अभाव के कारण बेटा-बेटियों की पढ़ाई बाधित नहीं हो, इसके लिये कक्षा पहली से कॉलेज तक की पढ़ाई की फीस सरकार भरेगी। गरीबों की निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था होगी, चाहे उनका इलाज निजी अस्पतालों में ही क्यों न हो। माताओं की कोख भरने पर 6 से 9 माह के बीच के समय में 4 हजार रूपये की आर्थिक सहायता तथा शिशु के जन्म लेने के बाद 12 हजार रूपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। गरीबों को बिजली के बिल से मुक्ति दिलाने के लिये सरकार ने 200 रूपये प्रतिमाह निश्चित बिजली बिल लेने का निर्णय लिया है।

योजना का लाभ 13 जून से

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को स्व-रोजगार से जोड़ने तथा उनकी आर्थिक उन्नति के लिये आजीविका मिशन के माध्यम से आय बढ़ाने के प्रयास किये जाएंगे। परिवार में 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति की मृत्यु होने पर 2 लाख रूपये की आर्थिक सहायता, दुर्घटना से मृत्यु होने पर 4 लाख रूपये की आर्थिक मदद तथा स्थाई रूप से दिव्यांग होने पर 2 लाख रूपये की मदद, अस्थाई रूप से दिव्यांग होने पर एक लाख रूपये की मदद और अंतिम संस्कार के लिये 5 हजार रूपये की मदद दी जायेगी। पंजीयन के लिये व्यक्ति को संबंधित पंचायत या नगरीय निकाय में आवेदन भरकर देना होगा तथा स्व-लिखित घोषणा-पत्र भी देना होगा। इस योजना का लाभ पहली बार जनपद मुख्यालय में 13 जून से मिलना प्रारंभ हो जायेगा।

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