
सूत्रों के मुताबिक गांव बंद आंदोलन का असर शहरों में न पड़े, इसके लिए सरकार ने पूरे इंतजाम कर लिए हैं। दूध आपूर्ति के काम में लगे लोग अत्यावश्यक सेवा कानून के दायरे में रहेंगे। यदि कोई भी आपूर्ति को रोकता है या इसकी कोशिश करता है तो उसके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। इसमें गिरफ्तार करके सीधे जेल भी भेजा जा सकता है।
इस कार्रवाई के बावजूद गांव से दूध की आपूर्ति यदि प्रभावित हो जाती है तो भी शहर और कस्बों में संकट खड़ा नहीं होगा। दुग्ध महासंघ ने चार हजार मीट्रिक टन दूध पाउडर और बटर तैयार करके रखा है।
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