चुनावी साल: मात्र 3 दिन में होंगे नामांतरण, कोई रिश्वत मांगे तो यहां बताएं

भोपाल। 2018 चुनावी साल है। अगले 6 माह प्रशासन चुस्त रहेगा और मतदाता को 'अच्छे दिन' का अहसास कराएगा। इसी के चलते प्लॉट और जमीन के नामांतरण को आसान करने के लिए शुरू की गई लोक सेवा गारंटी योजना में 30 दिन में होने वाला नामांतरण अब महज तीन दिन में होगा। यदि कोई आपसे रिश्वत मांगे तो उसकी आवाज रिकॉर्ड करके लोकायुक्त पुलिस में शिकायत करें। आप 181 सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत कर सकते हैं। 

30 दिन का नामांतरण 03 दिन में करने के लिए तहसील दफ्तरों में मेल मर्जिंग सिस्टम डेवलप किया जा रहा है। एक नया साॅफ्टवेयर बनाया जा रहा है। इसकी मदद से एक बार एंट्री करने पर एक हजार तक नोटिस जारी कर दिए जाएंगे। नामांतरण का आवेदन अपलोड करने पर आटोमैटिक नोटिस, इश्तेहार, पटवारी, आरआई रिपोर्ट की सूचना एक बार में जनरेट हो जाएगी। इससे तहसील दफ्तरों में होने वाले कामों में तेजी जाएगी। लोक सेवा गारंटी योजना के तहत जमीन और प्लॉट के नामांतरण का आवेदन करने पर नामांतरण अविवादित होने पर तीस दिनों में करना पड़ता है। 

तय समय में नामांतरण नहीं करने पर संबंधित तहसीलदार पर रोजाना के हिसाब से जुर्माना लगाया जाता है। इस सॉफ्टवेयर के लागू होने से एक महीने में होने वाला काम तीन दिन में हो जाएगा। इसमें नामांतरण विवादित होने पर केस की सुनवाई की जाएगी। इस व्यवस्था से नामांतरण, बंटवारा, डायवर्जन वसूली, बैंक वसूली, अतिक्रमण सहित अन्य मामलों में आसानी हो जाएगी। 

कर्मचारियों की कमी से आया आइडिया 
तहसील दफ्तरों में स्टाफ की कमी को देखते हुए कलेक्टर सुदाम पी खाडे ने मेल मर्जिंग सिस्टम डेवलप करने की पहल की है। इसके बाद स्टाफ को मेल मर्ज सिस्टम की ट्रेनिंग दी जाएगी। जिससे इन्हें काम करने में आसानी होगी। 

अनट्रेंड स्टाफ के लिए भी काम करना होगा आसान 
जिले की सातों तहसील में ज्यादातर अनट्रेंड स्टाफ है। इसके चलते इन्हें नामांतरण, बंटवारा, फौती नामांतरण, बैंक वसूली नोटिस, अतिक्रमण केस नोटिस सहित अन्य कामों को दिक्कत आती है। ऐसे में अकेले बैंक वसूली के 100 नोटिस जारी करने के लिए क्लर्क को 100 आवेदनों में एंट्री करना पड़ती है। इस व्यवस्था से एक नोटिस जनरेट करने पर इस लिस्ट को एक्सेल शीट में अपलोड करना पड़ेगा, जिससे सभी नोटिस एक बार में जारी हो जाएंगे। ऐसा करने से काम में तेजी आएगी जिससे लोगों को राहत मिलेगी। 

ऐसे काम करेगा सिस्टम 
माइक्रोसॉफ्ट वर्ड और एक्सेल पर यह सिस्टम काम करेगा। इसके तहत कम्प्यूटर पर दर्ज की गई एक एंट्री आटोमैटिक संबंधित पटवारी, आरआई, तहसीलदार और एसडीएम को ट्रांसफर हो जाएगी। इधर जिन लोगों को इससे संबंधित नोटिस जारी किए जाने हैं, वह भी आटोमैटिक जनरेट हो जाएंगे। फायदा यह होगा कि किसी स्तर पर देरी नहीं रहेगी। 

तीन माह में हो जाएगी शुरू 
आम लोगों की सुविधा के लिए काम किया जा रहा है। तीन महीने के भीतर नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। कलेक्टोरेट में रोजाना सैकड़ों लोगों के नोटिस जारी किए जाते हैं। इसमें नोटिस जारी करने में आसानी होगी। सुदाम पी खाडे, कलेक्टर 

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