डॉक्टर रचना मामले में सीएम हाउस के घेराव का ऐलान | MP NEWS

INDORE SAMACHAR | सरकारी अस्पताल की महिला डॉक्टर रचना शुक्ला के साथ हुई घटना के बाद अब प्रदेश भर के डॉक्टर भड़क उठे हैं। वो एकजुट हो रहे हैं एवं उन्होंने 13 मई को सीएम हाउस का घेराव करने का ऐलान कर दिया है। मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन की तरफ से की गई विरोध प्रदर्शन की घोषणा को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी समर्थन दिया है। बता दें कि 3 भाजपा नेताओं पर आरोप हैं कि उन्होंने महिला डॉक्टर का बेहद गंदी गालियां दीं। थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई। एसपी ने जांच के आदेश तक नहीं दिए और कलेक्टर ने मिलने से भी इंकार कर दिया। अंतत: रचना शुक्ला ने इस्तीफा दे दिया।

सीएम हाउस के घेराव में IMA भी साथ रहेगा

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य एवं आईएमए इंदौर के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर संजय लौंढे ने कहा कि किसी भी डॉक्टर के साथ इस प्रकार की घटना बर्दाश नहीं की जा सकती है, यदि यह घटना इंदौर में होेती तो शहर के सभी डॉक्टर सड़कों पर उतर आते। डॉ. लौंंढे का कहना है कि यदि मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन 13 मई को सीएम हाऊस घेरने की योजना बनाता है तो आईएमए उनके साथ रहेगा। 
मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के इंदौर संभाग के सचिव डॉ. अमित मालाकार का कहना है कि इंदौर के सरकारी अस्पताल के साथ ही अन्य अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई इंतजाम नहीं है। जिला अस्पताल में पुलिस चौकी है लेेकिन चौकी से पुलिस जवान हमेशा गायब रहता है।

इस्तीफे के बाद कार्रवाई के आदेश

जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ठोस कार्रवाई की है। कलेक्टर भारद्वाज ने डॉक्टर रचना शुक्ला को सुरक्षा प्रदान करने की बात कही है, साथ ही उन लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाने के भी आदेश दिए हैं, जिन्होने डॉक्टर शुक्ला के साथ बदसलूकी की थी।

श्यामाचरण शुक्ल की भतीजी बहू हैं रचना

बता दें डॉक्टर रचना शुक्ला के साथ कुछ लोगों ने बदतमीजी की थी, जो मरीज के साथ इलाज करवाने के लिए आए थे। डॉक्टर शुक्ला ने इसके खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन पिछले तीन महीने से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से उन्होने इस्तीफा देकर अपनी नाराजगी का इजहार किया था। डॉ. रचना शुक्ला मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल के भाई ईश्वरीचरण शुक्ल के बेटे की पत्नी हैं।

कलेक्टर पर लगाए थे कार्रवाई न करने का आरोप

जबलपुर के जिला अस्पताल में कार्यरत डॉ. रचना शुक्ला ने ड्यूटी के दौरान अभद्रता करने के मामले में तीन माह बाद भी एफआईआर नहीं करने से आहत होकर सोमवार को केजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस्तीफा सिविल सर्जन के मार्फत स्वास्थ्य संचालक को भेजा है। डॉ. शुक्ला ने जबलपुर कलेक्टर और एसपी पर भी कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। मामला गरमाने पर स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गौरी सिंह ने जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज से रिपोर्ट तलब कर ली थी।

10 माह की बच्ची के इलाज को लेकर हुआ था विवाह

जबलपुर जिला अस्पताल में बतौर मेडिकल ऑफिसर कार्यरत डॉ. रचना शुक्ला ने बताया कि 5 फरवरी की शाम को उनकी इमरजेंसी ड्यूटी थी। शाम करीब साढ़े 7 बजे एक महिला 10 माह की बच्ची को लेकर इलाज कराने आई थी। बच्ची को दो दिन पहले डायरिया हुआ था, जिसका इलाज उसने प्राइवेट प्रैक्टिशनर डॉक्टर से कराया था।
बच्ची को दिए गए इलाज से उसकी सेहत सुधर रही थी। इसके चलते इमरजेंसी यूनिट में बच्ची की जांच कर जरूरी दवाएं देकर अगले दिन दोबारा जांच कराने की सलाह महिला को दी थी। इस पर महिला के साथी बिफर गए।
महिला और उसके साथी 10 माह की बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराना चाहते थे, जबकि उसे भर्ती करने की जरूरत नहीं थी। इससे नाराज बच्ची की मां और पिता के साथ आए करीब 10 लोगों ने बिना वजह गाली देना शुरू कर दिया।

थाने में आरोपी गाली देते रहे और पुलिस चुप रही

इस पर पुलिस थाना ओमती को सूचना देकर पुलिस बुलाई थी। घटना की एफआईआर कराने डॉक्टर रचना 5 फरवरी को ओमती पुलिस थाने रात करीब 9 बजे गई थी। उस समय अस्पताल में बदसलूकी करने वाले 10 लोगों की भीड़ वहां मौजूद थी। वह मेरे खिलाफ एफआईआर कराने थाने पहुंचे थे। मेरे थाने में पहुंचते ही आरोपियों ने गालियां देना शुरू कर दिया। थाने के अंदर पुलिस की मौजूदगी में वह लोग मुझे गालियां देते रहे, लेकिन पुलिस चुप रही। एक भी पुलिस कर्मचारी ने गाली दे रहे लोगों को रोका भी नहीं। पुलिस को अपना शिकायती आवेदन देकर घर चली गई। लेकिन, ओमती थाना पुलिस ने इस मामले में एफआईआर नहीं की।

संदिग्धों ने पीछा किया, एसिड की बॉटल दिखाकर धमकाया

डॉ. रचना के मुताबिक, 15 अप्रैल की शाम ड्यूटी से लौटते समय रास्ते में चार लोगों ने बाइक से मेरा पीछा किया। 2-3 मई की शाम कार का पीछा कर एक युवक ने एसिड की बॉटल दिखाकर धमकाया। मैंने एसपी और कलेक्टर से मुलाकात की, उन्हें परेशानी बताई। बावजूद इसके एफआईआर नहीं हुई।

कलेक्टर ने मिलने से मना कर दिया

खौफ लगातार बढ़ने के कारण रविवार को छुट्टी होने के बाद भी कलेक्टर छवि भारद्वाज से मिलने गई, लेकिन उन्होंने मिलना तक मुनासिब नहीं समझा। अफसरों के इस रवैये से दुखी होकर मैंने सोमवार सुबह अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. ए. सिन्हा को स्वास्थ्य संचालक के नाम अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

यह लेटर पोस्ट किया है डॉक्टर रचना ने
प्रति
डायरेक्टर, पब्लिक हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, भोपाल
विषय- त्यागपत्र की स्वीकृति बाबत
महोदय,
मैं रचना शुक्ल जबलपुर के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बतौर मेडिकल आॅफिसर तैनात हूं। कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। मेरे साथ डॉक्टर प्रोटेक्शन (एक्ट 3) का पूर्णत: उल्लंघन हुआ है।

महोदय, मेरे साथ स्थानीय भाजपा नेता के समर्थकों द्वारा गाली गलौच और बदतमीज की गई है (.... यहां रचना शुक्ल ने हिन्दी में भी इसका उल्लेख किया है, लेकिन गुंडों ने जिस भाषा का उपयोग किया है, उसे लिखना संभव नहीं है) मेरे कार्यस्थल अस्पताल और ओमती पुलिस स्टेशन में भी मुझे भाजपा के 10 लोकल गुंडों ने दोबारा धमकाया। उन्होंने खुले आम कहा कि मैडम दस गुंडे आकर आपकी इज्जत उतार देंगे। यह सब सुनने और झेलने के बाद भी मुझे न्याय की कोई उम्मीद भी नहीं दिखती। मैं कांग्रेस से जुड़े एक इज्जतदार परिवार से संबंध रखती हूं और इस घटना से मेरा परिवार आहत है। एक पूर्व सीएम के परिवार से संबंध रखने के बाद भी इस मामले में तीन माह तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। मैं घटना के संबंध में सभी साक्ष्य भी प्रस्तुत कर रही हूं।

धन्यवाद
दिनांक 7/5/18
भवदीय
डॉक्टर रचना शुक्ला

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