
एएआर के सामने यह याचिका महाराष्ट्र की सिंपल शुक्ला ट्यूटोरियल ने दायर की थी। यह कक्षा 11वीं और 12वीं को शिक्षा देने का काम करती है। इसके अलावा छात्रों को एमबीबीएस , इंजीनियरिंग और विज्ञान से संबंधित परीक्षाओं लिए तैयार करने में भी मदद की जाती है। इस पर AAR ने कहा था कि यह जीएसटी के तहत नहीं आती है, क्योंकि यह एजूकेशनल इंस्टीट्यूट की परिभाषा में शामिल नहीं होता है।
एएआर ने कहा कि निजी शिक्षण संस्थान, जिनमें न कोई डिग्री दी जाती है और न ही कोई सर्टिफिकेट दिया जाता है। ऐसे संस्थानों पर 9 फीसदी केंद्रीय जीएसटी और 9 फीसदी राज्य जीएसटी लगाई जाएगी। इस सूरत में कोचिंग संस्थानों पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा। बता दें कि जीएसटी के तहत टैक्स को केंद्र और राज्यों के बीच बराबर बांटा जाता है।