पिछड़ावर्ग का प्रमोशन रोकने वाले शिवराज के महाकुंभ का क्या औचित्य

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान 100 प्रतिशत चुनावी मोड में हैं। वो हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रहे हैं। इसी के चलते उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) महाकुम्भ का आयोजन किया है। सागर में यह आयोजन धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ परंतु अब उनके इस महाकुंभ पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। सागर के युवा कारोबारी भारत तिवारी ने इस आयोजन के औचित्य पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सीधे शब्दों में पूछा है कि शिवराज जी, खुद पिछड़ा वर्ग से आते हैं, फिर भी वो प्रमोशन में आरक्षण मामले में पिछड़ा वर्ग के खिलाफ खड़े हो गए। अब ऐसे महाकुंभ का क्या औचित्य। 

सागर में पिछड़े नहीं पॉवरफुल हैं
आप भी जाने सागर जिले में पिछड़े वर्ग की ताकत और सम्पन्नता को।
सांसद श्री प्रहलाद पटेल जी एवं दादा लक्ष्मी नारायण यादव जी
महापौर श्री अभय दरे जी एवं निगम अध्यक्ष श्री राज बहादुर सिंह जी।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अशोक दिव्या सिंह जी एवं उपाध्यक्ष श्रीमती तृप्ति सिंह जी
बुन्देलखण्ड विकास प्राधिकरण अध्यक्ष श्री राम कृष्ण कुष्मारिया जी एवं उपाध्यक्ष श्री डालचंद पटेल जी।
विधायक
देवरी श्री हर्ष यादव जी 
बंडा श्री हरवंश सिंह जी राठौर 
सुरखी श्रीमती पारुल साहू जी
खुरई श्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर जी
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती लता वानखेड़े जी।
जिला भाजपा अध्यक्ष श्री प्रभु दयाल पटेल जी।
साथ ही जिले की 60% से अधिक नगर पालिका नगर पंचायत मंडी जनपद पंचायत और पंचायतों में हमारे अन्य पिछड़ा वर्ग के भाई बहिन नेतृत्व कर रहे है। इतने समृद्ध समाज और उस समाज के भाई बहिनो पिछड़ा कह कर उनकी समृद्धि का अपमान किया जा रहा है और देश मे भाई भाई को सत्ता के लिये लड़ाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है जो अक्षम्य है।

याद रहे मुख्यमंत्री जी विगत 15 वर्ष से मुख्यमंत्री है और पिछड़े वर्ग से है पर पदोन्नति में आरक्षण के मामले में पिछडे वर्ग के विरोध में खड़े हुए है पर आज सत्ता और डोलती कुर्सी के चक्कर मे पिछड़ो की राजनीति की शरुआत कर देश को जातियों में बांटने का कुत्सित प्रयास कर रहे है। क्या यही आपका नारा "सबका साथ सबका विकास" का अर्थ है। क्या कथित सवर्ण समाज का कार्य सिर्फ अपमान सहना और सबसे अधिक टैक्स भरना है।

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