भोपाल। हिंदू धर्मध्वजा के वाहक परमपूज्य आदि शंकराचार्य के प्रतिनिधि एवं द्वारका, शारदा और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती के संदर्भ में मप्र की शिवराज सिंह चौहान सरकार के मंत्री जालम सिंह ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि स्वामी स्वरूपानंद शंकराचार्य नहीं बल्कि शंकाचार्य है। बता दें कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने मप्र में 5 संतों को मंत्री पद का दर्जा दिए जाने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने इस प्रक्रिया को गलत करार दिया है।
नरसिंहपुर विधायक और प्रदेश सरकार में पीएचई राज्यमंत्री जालम सिंह पटेल ने तो शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती को शंकाचार्य ही कह डाला। जालम सिंह पटेल ने शंकराचार्य के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्वामी स्वरुपानंद शंकराचार्य नहीं बल्कि शंकाचार्य हैं, जिनका काम ही शंकाएं पैदा करना है।
जालम सिंह पटेल यहीं नहीं थमे, उन्होंने कहा कि शंकराचार्य ने जितना सरकारी सेवाओं का दोहन किया है, उतना आज तक किसी संत ने नहीं किया। जालम सिंह ने आरोप लगाया कि शंकराचार्य खुद सबसे बड़े मालगुजार और कांग्रेस के संत हैं।
2 अप्रैल में हुए भारत बंद में आगजनी और झड़प पर मंत्री जालम सिंह ने कहा इस तरह के आंदोलन का सरकार को अंदेशा नहीं था कि मामला इतना बिगड़ जाएगा। उन्होंने कांग्रेस पर पूरे आंदोलन को लीड करने का आरोप लगाया। अपने को चुनावी वर्ष 2018 में 6 महीने पहले मंत्री बनाए जाने पर जालम सिंह ने कहा की सरकार ने काम करने का मौका दिया है जिसे वह कर रहे हैं।