यदि EVM के बजाए बैलेट वोटिंग हो सकती है तो PEB की परीक्षा OFFLINE क्यों नहीं | MP NEWS

श्रीमद् डांगौरी/भोपाल। मप्र पटवारी परीक्षा के बाद करीब 10 लाख उम्मीदवारों ने नॉर्मलाइजेशन सिस्टम को नकार दिया है। यह सिस्टम योग्यता को नुक्सान पहुंचाने वाला है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने उम्मीदवारों को बिना विश्वास में लिए नॉर्मलाइजेशन सिस्टम थोप दिया है। इसका व्यापक विरोध किया जा रहा है। उम्मीदवारों का सवाल है कि यदि एक दिन एक पेपर के लिए आॅनलाइन परीक्षाएं आयोजित नहीं कराई जा सकतीं तो उन्हे आॅफलाइन कर देना चाहिए। 

यदि ईवीएम से बैलेट पर आ सकते हैं तो आॅफलाइन क्यों नहीं
उम्मीदवारों का तर्क है कि यदि भारत की निर्वाचन व्यवस्था ईवीएम से वापस बैलेट की तरफ आने का मन बना सकती है तो फिर परीक्षाएं आॅफलाइन क्यों नहीं हो सकतीं। नॉर्मलाइजेशन सिस्टम की मार उसी स्थिति में पड़ती है जब परीक्षाएं एक से अधिक दिवस में आयोजित की जातीं हों। पीईबी को आरोपित किया गया है कि वो परीक्षाओं का आयोजन कुछ इस तरह से करते हैं कि वो एक से अधिक दिन में हो। इसके पीछे कोई साजिश है। जब तक उम्मीदवारों को भरोसा नहीं दिला दिया जाता कि नॉर्मलाइजेशन सिस्टम सही है और उम्मीदवारों के हित में है इसे बंद कर दिया जाना चाहिए। 

हमें एक दिन एक पेपर ही चाहिए
उम्मीदवारों का कहना है कि हम फीस चुकाते हैं। सेवाएं देना सरकार का काम है। संसाधन पीईबी को जुटाने होंगे। वो अपने फेलियर को उम्मीदवारों पर नहीं थोप सकते। नॉर्मलाइजेशन सिस्टम अमान्य कर दिया गया है। हमें एक दिन एक पेपर चाहिए फिर चाहे वो आॅनलाइन हो या आॅफलाइन। नॉर्मलाइजेशन सिस्टम कतई पारदर्शी नहीं है। इनमें गड़बड़ी की संभावनाएं हैं। नॉर्मलाइजेशन सिस्टम के कारण कम्प्यूटराइज्ड परीक्षाएं प्रभावित हो रहीं हैं। बस यह कम्प्यूटर पर हो रहीं हैं जबकि इसका नियंत्रण मानव के हाथ में चला गया है। 
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