अध्यापकों की वेतन विसंगति और वसूली पर हाईकोर्ट का स्टे | ADHYAPAK SAMACHAR

जबलपुर। वर्ष 2006 एवम उसके पश्चात संविदा वर्ग-2 नियुक्त एवं वर्ष 2010 एवं बाद अध्यापक पद पर संविलियन प्राप्त अध्यापक, रायसेन एवं सीहोर जिले में पदस्थ श्री प्रीतम अहिरवार, श्री राकेश पांडेय, श्री राजेन्द्र परमार एवं अन्य द्वारा मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट, जबलपुर के समक्ष मासिक वेतन कम किये जाने के विरुद्ध रिट याचिका दायर की। उपरोक्त याचिका में माननीय हाई कोर्ट जबलपुर ने आदेश दिनाँक 07.07.2017 को स्टे करते हुए, बिना कोर्ट की अनुमति के वेतन कम किये जाने पर रोक लगा दी हैं।  

उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ताओं ने अपने वर्तमान वेतन को कम किये जाने एवं कनिष्ठ सहायक अध्यापकों का वेतन, समयपूर्व क्रमोन्नति दिए जाने के कारण अधिक हो जाने को माननीय हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया है कि पूर्व में याचिकाकर्ता आदेश दिनाक - 15.10.2016 के अनुसार छठवें वेतन का लाभ प्राप्त कर रहे थे, जो कि वेतन पुनरीक्षण 2009 के प्रावधानों के अनुसार जारी किया गया था।  

परंतु, शासन द्वारा, उपरोक्त आदेश को निरस्त कर आदेश दिनाँक 07.07.2017 जारी किया गया। उसके पश्चात स्पष्टीकरण दिनाँक 21.12.2017 जारी किया गया, जिसमे पूर्व वेतन निर्धारण एवं प्रदाय की विधि को परिवर्तित कर विसंगति पूर्ण कर दिया गया है। वेतन निर्धारण हेतु, सेवा अवधि को आधार बनाना, 6 माह से अधिक की अवधि को पूर्ण वर्ष ना माना जाना एवं बेसिक पे एवं ग्रेड पे को जोड़कर तीन प्रतिशत वेतनवृद्धि न प्रदान किया जाना, सहायक अध्यापकों को समय पूर्व उच्चतर वेतनमान दिया जाना, माननीय न्यायालय के समक्ष प्रथम दृष्ट्या विचारणीय रहे हैं।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!