बिहार में आपदा: तूफानी बारिश, 2 मौतें, जनजीवन अस्तव्यस्त | BIHAR natural disaster

नई दिल्ली। बिहार राज्य में प्राकृतिक आपदा का प्रकोप हुआ है। कई जिलों से तूफानी बारिश की खबरें आ रहीं हैं। तेज हवाओं में लोगों के आशियाने उड़ गए। कई इलाकों में ओले गिरने की खबर है। समाचार लिखे जाने तक 2 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। जनजीवन अस्तव्यस्त है। लोग जान बचाने के लिए यहां वहां छुप रहे हैं। अचानक आयी बारिश और ओलावृष्टि से फसलें तबाह हो गईं हैं। मौसम विभाग ने कई जिलों में अभी भी तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। 

मुजफ्फरपुर: तेज आंधी, बारिश, ओले 

तेज आंधी, वर्षा व ओले से मौसम का मिजाज शनिवार को एक बार फिर बदल गया। जिले के सरैया, पारू व साहेबगंज में सर्वाधिक ओले पड़े। पारू में तो ओलों की चादर-सी बिछ गई। इससे गेहूं की फसल के साथ आम व लीची के फलों को नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने अभी और वर्षा की आशंका व्यक्त की है।

वैशाली: तूफानी बारिश से 2 मौतें 
आज वैशाली जिले के कई इलाकों में आई आंधी-पानी और ओला वृष्टि से गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है। अब तक जिले में दो लोगों के मरने की जानकारी मिल रही है। पातेपुर थाने नीरपुर गांव में आंधी के दौरान झोपड़ी गिरने से उसके नीचे दबकर 55 वर्षीय राजगीर राय नाम के व्यक्ति की मौत हो गई। इधर सदर थाना क्षेत्र में सेंदुआरी गांव में ओलावृष्टि से एक अधेड़ महिला की मौत हो गई। मृतका सेंदुआरी गांव के टेनी राय की पत्नी बताई जा रही है। घटना के बाद मुआवजे की मांग को लेकर लोगों ने हाजीपुर-महुआ रोड को कुछ देर के लिए जाम कर दिया।

समस्तीपुर: फसलें तबाह, किसानों में त्राहि त्राहि 

समस्तीपुर जिले में भी अचानक आई तेज आंधी के बाद बारिश और ओलावृष्टि से जनजीवन प्रभावित हुआ है। कई कच्चे घरों की छत को नुकसान पहुंचा है वहीं खेत में लगी फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है। आम और लीची के फलों को भी नुकसान पहुंचा है।

छपरा: सड़कों पर ओले की परत चढ़ी
इधर सारण जिले में भी आज सुबह से मौसम का बदलता मिजाज दिखा, तेज हवा के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। ग्रामीण इलाकों में इससे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। सड़कों पर ओला वृष्टि से सफेद चादर-सी बिछ गई। अभी तक तेज हवाएं चल रही हैं, लोग अपने घरों में दुबके हैं।

गोपालगंज: 2 घंटे हुई तेज बारिश, बाढ़ जैसे हालात 

दस दिन के अंदर दो बार आई आंधी व बारिश से किसान संभल भी नहीं पाए थे कि शनिवार को फिर हुई जोरदार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दिया। शनिवार की सुबह तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। करीब दो घंटे तक पूरे जिले में जोरदार बारिश  होती रही। इस दौरान बैकुंठपुर सहित कई इलाकों में बारिश के साथ ओले गिरे। बारिश के साथ ओले गिरने से गेहूं की फसल को व्यापक क्षति पहुंची है। इस बारिश में 70 प्रतिशत गेहूं की फसल को नुकसान  होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

बारिश में भीग जाने से गेहूं का दाना काला पडऩे को लेकर भी किसान चिंतित हैं। दो घंटे तक जोरदार बारिश के साथ ही पूरे दिन आसमान में बादल उमड़ते रहे।  जिससे फिर बारिश होने की आशंका से किसानों के होश उड़े हुए हैं। अगर फिर बारिश हुई तो गेहूं की बची फसल भी बर्बाद हो जाएगी। 

दस दिन पूर्व आई तेज आंधी से 25 प्रतिशत गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा था। आंधी के बाद बीते बुधवार की रात तेज हवा के साथ हुई बारिश से भी फसलों को नुकसान पहुंचा था। हालांकि इसके बाद मौसम का मिजाज ठीक हो गया और खुल कर धूप निकलने से किसानों को कुछ राहत मिली।

किसान गेहूं तथा दलहन व तिलहन की फसल की कटनी करने की तैयारी में जुटे थे। इस बीच शनिवार की सुबह अचानक मौसम का मिजाज फिर बदल गया। आसमान में घने बादल घिर आए तथा इसके साथ जोरदार बारिश शुरू हो गई। पूरे जिले में दो घंटे तक कभी हल्की तो कभी जोरदार बारिश होती रही।

इस दौरान बैकुंठपुर के दिघवा उत्तर, दिघवा दक्षिण, गम्हारी, चिउटहां, सिरसा मानपुर, फैजुल्लाहपुर, हमीदपुर, बांसघाट मसूरिया, कतलालपुर, जगदीशपुर सहित अन्य प्रखंडों के कई इलाकों में बारिश के साथ ओले गिरे। जिससे गेहूं की फसल को व्यापक क्षति पहुंची है। किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल खेत में गिर गई है।

ओले गिरने से फसल में लगे दाना झड़ गए हैं। बारिश से गेहूं की बालियां भीग जाने से दाना के काला पडऩे की आशंका दिख रही है। इस बारिश से गेहूं की फसल को 70 प्रतिशत नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। दलहन तथा तिलहन की फसल का भी व्यापक नुकसान हुआ है।

जोरदार बारिश के बाद पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहने से फिर बारिश होने के आसार दिख रहे हैं। किसानों ने बताया कि अगर फिर बारिश हुई तो बची फसल भी बर्बाद हो जाएगी।
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