व्यापमं घोटाला: RGPV कुलपति समेत 3 अफसरों के खिलाफ जांच शुरू | MP NEWS

भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के कुलपति प्रो. सुनील कुमार गुप्ता अब VYAPAM SCAM की जांच की जद में आ गए हैं। गुप्ता को आरोपित किया गया है कि उन्होंने घोटाले में मध्यस्थ की भूमिका निभाई एवं पद का दुरुपयोग किया। घोटाले के दौरान प्रोफेसर गुप्ता मप्र फीस नियामक कमेटी के ओएसडी थे। वहीं, मप्र फीस नियामक कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष हर्ष तिवारी एवं वर्तमान अध्यक्ष प्रोफेसर तुलसीराम थापक की भी संदिग्ध भूमिका की जांच कराई जा रही है। जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मुख्य सचिव मप्र बीपी सिंह को भेजे गए पत्र के अनुसार हो रही है।

पत्रकार दीपक विश्वकर्मा की रिपोर्ट के अनुसार तकनीकी शिक्षा विभाग के उप सचिव सभाजीत यादव ने आदेश जारी कर मामले में जांच अधिकारी भी नियुक्त कर दिए हैं। इस जांच कमेटी को फीस नियामक कमेटी की भूमिका पर लगे आरोपों की जांच जल्द से जल्द कर रिपोर्ट शासन को देना है। बता दें सीबीआई व्यापमं महाघोटाले के मामले की जांच कर रही है। सीबीआई आरजीपीवी कुलपति के खिलाफ यह जांच शिकायत के आधार पर करवा रही है।

फीस नियामक कमेटी की यह संदिग्ध भूमिका
डीमेट परीक्षा जो मध्यप्रदेश के डेंटल और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित कराई जाती थी। इस परीक्षा का केंद्र एएफआरसी कार्यालय ही होता था। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेजों में जिन कॉलेज संचालकों ने फर्जीवाड़ा किया है उनके और परीक्षा कराने वाले लोगों के बीच मध्यस्थता का काम भी फीस नियामक कमेटी ने ही किया है।

हालांकि पहले यह परीक्षा व्यापमं आयोजित करती थी, लेकिन फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद यह परीक्षा कॉलेज संचालकों ने मिलकर ऑनलाइन आयोजित कराई थी। इस दौरान परीक्षा का सर्वर फीस नियामक कमेटी कार्यालय में ही लगाया गया था। इसलिए इन पर फर्जीवाड़े में आपराधिक भूमिका होने का आरोप लगा है। परीक्षा के बाद भी परीक्षार्थियों का कहना था कि सर्वर से छेड़छाड़ की गई है।

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