पढ़ें: ये कैम्ब्रिज एनालिटिका का बला है, जो भारत की राजनीति में भूचाल लाना चाहती है | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। पॉलिटिकल डाटा फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका अब भारत की राजनीति में सुर्ख हो गई है। कल तक जिस फर्म को कोई नहीं जानता था, आने वाले 2 दिनों में राजनीति से जुड़ा बच्चा बच्चा जान जाएगा। इससे पहले कि विषय आए और आप चुप रह जाएं, हम बताते हैं आपको क्या है 'कैम्ब्रिज एनालिटिका' और इससे जुड़ा विवाद:- कैंम्ब्रिज एनालिटिका डाटा माइनिंग और डाटा एनालिसिस करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में कैंपेन के लिए इसी कंपनी की मदद ली थी। ऐसा कहा जाता है कि इस कंपनी ने भारत में 2010 में बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू के लिए कैंपेन की थी। जेडीयू ने तब 141 सीटों पर चुनाव लड़ा और 115 जीतीं।  यह भी चर्चा रही कि पिछले साल पंजाब और गुजरात विधानसभा चुनाव में कैंम्ब्रिज एनालिटिका ने कांग्रेस के लिए कैंपेनिंग की थी। कांग्रेस ने पंजाब में 117 में से 77 सीटें जीतीं। वहीं, गुजरात में भी कांग्रेस को 77 सीटें दिलाने में कामयाब रही थी।

चलिए ठीक है, फिर 'ओवलेनो' का नाम क्यों आ रहा है
भारत में क्रैम्ब्रिज एनालिटिका का नाम एससीएल इंडिया से जुड़ा है। इसकी वेबसाइट के मुताबिक, यह लंदन के एससीएल ग्रुप और ओवलेनो बिजनेस इंटेलिजेंस (ओबीआई) प्राइवेट लिमिटेड का साझा उपक्रम है। ओवलेनो की वेबसाइट के मुताबिक, 300 से ज्यादा स्टाफ और 1400 से ज्यादा काउंसलर भारत के 10 राज्यों में काम करते हैं। ओबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, वह 'पॉलिटिकल कैंपेन मैनेजमेंट' का काम देखती है। उसकी क्लाइंट की लिस्ट में कांग्रेस, बीजेपी, जेडीयू, आईसीसीआई और एयरटेल का नाम है।

अभी विवाद क्यों उठा
कैम्ब्रिज एनालिटिका के सीईओ अलेक्जेंडर निक्स को सस्पेंड कर दिया गया है। निक्स पर आरोप हैं कि उन्होंने 5 करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स की प्राइवेट इन्फर्मेशन तक पहुंच बनाई और उसका चुनावों में गलत इस्तेमाल किया। यह दुरुपयोग बिहार, पंजाब एवं गुजरात के चुनावों में किया गया। इसके अलावा भाजपा, कांग्रेस और जेडीयू को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। इतना ही नहीं आईसीआईसीआई बैंक और एयरटेल जैसी दिग्गज कंपनियों ने भी इस तकनीकी घुसपैठ का फायदा उठाया। 

पहला हमला बीजेपी ने किया
इस खुलासे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा, "क्या कांग्रेस पार्टी को चुनाव जीतने के लिए डाटा की चोरी और हेरफेर की जरूरत है? राहुल गांधी के सोशल मीडिया प्रोफाइल में कैम्ब्रिज एनालिटिका का क्या रोल है।

हमने नहीं बीजेपी-जेडीयू ने उठाया था फायदा: कांग्रेस
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "कैम्ब्रिज एनालिटिका से जुड़ी वेबसाइट दिखाती हैं कि 2010 में इसकी सेवाओं का इस्तेमाल बीजेपी-जेडीयू ने किया था। फर्म की इंडियन पार्टनर ओवलेनो बिजनेस इंटेलिजें(OBI) को बीजेपी की साथी पार्टी के सांसद के बेटे चलाते हैं। OBI की सेवाओं का इस्तेमाल 2009 में राजनाथ सिंह ने किया था। कांग्रेस या कांग्रेस अध्यक्ष ने कैम्ब्रिज एनालिटिका नाम की कंपनी के सेवाओं का कभी इस्तेमाल नहीं किया। 

केवल नरेंद्र मोदी ही क्यों फेसबुक के आॅफिस गए
दुनिया के तमाम देशों में से अकेले प्रधानमंत्री फेसबुक के सिलिकॉन ऑफिस में बुलाए गए थे और उनका नाम है नरेंद्र मोदी। फेसबुक के हेडक्वॉर्टर में उन्होंने कहा था कि मार्क जुकरबर्ग बेहतरीन इनोवेटर हैं, लेकिन भारत लौटने के बाद वे उन्हें खलनायक साबित करना चाहते हैं। बीजेपी फेक न्यूज की फैक्ट्री है और उसने आज नया फेक प्रोडक्ट बनाया है।

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