
चुनाव आयोग के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने 11 बजे प्रेस कॉन्फेंस शुरू की। पहले चुनावी प्रक्रिया की जानकारी दी। करीब 20 मिनट गुजरे होंगे कि वहां मौजूद पत्रकारों को सोशल मीडिया से चुनाव की तारीखें मिलने लगीं। यह जानकारी भाजपा के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने दी थी।
इस पर रावत से सवाल किया गया। उन्होंने कहा कि वे इसका पता लगाएंगे। इसके बाद उन्होंने अधिसूचना की तारीख 17 अप्रैल और मतदान की तिथि 12 मई बताई। तब पत्रकारों ने एक सुर में कहा कि चुनाव आयोग के इतिहास में पहली बार हुआ है कि आयोग के एलान से पहले चुनाव की तारीखें लीक हो गईं। यह एक गंभीर मामला है। क्या आयोग इस मामले में कोई कार्रवाई करेगा। रावत ने फिर कहा कि पहले तथ्यों को सामने आने दीजिए फिर कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा के अमित मालवीय ने क्या ट्वीट किया?
अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा, "कर्नाटक में 12 मई को चुनाव होंगे। 18 मई को नतीजे आएंगे। वोटिंग की तारीख सही निकली, लेकिन नतीजों की गलत। नतीजे 15 मई को आएंगे। मीडिया में खबरें आने के बाद मालवीय ने कहा कि उन्होंने एक अंग्रेजी चैनल में देखकर यह ट्वीट किया था। इसके बाद उन्होंने अपना ट्वीट हटा लिया।
कांग्रेस ने कहा- भाजपा चुनाव आयोग को हुक्म दे रही
कांग्रेस लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "अमित मालवीय ने 11 बजे चुनाव की तारीखों वाला ट्वीट किया। इसका मतलब भाजपा मतदान की तारीखों को लेकर चुनाव आयोग को हुक्म दे रही है। मैं अपेक्षा करता हूं कि चुनाव आयोग संविधान और कानून के तहत काम करे और सूचनाएं उजागर न करे। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
ये हैं कर्नाटक चुनाव की तारीखें
नामांकन: 17 अप्रैल
नमांकन पत्रों की जांच: 25 अप्रैल
नामांकन वापसी की आखिरी तारीख: 27 अप्रैल
वोटिंग: 12 मई
नतीजे: 15 मई