
जागरण राउंड टेबल पर जीएसटी से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने आदर्श टैक्स प्रणाली की वकालत की। उन्होंने कहा कि देश चलाने के लिए टैक्स जरुरी है। लेकिन यह ऐसा होना चाहिए जैसे चाणक्य ने कहा था कि मधुमक्खी फूल से रस निकाल लेती है, फूल को दिक्कत नहीं होती है और मधुमक्खी का काम चल जाता है। इसी तरह टैक्स कलेक्शन भी होना चाहिए।
याद दिला दें कि मध्यप्रदेश में शराबबंदी भी केवल इसीलिए नहीं की जा रही है क्योंकि इससे सरकार को भारी राजस्व प्राप्त होता है। मप्र में संपत्ति की रजिस्ट्री सहित कई अन्य ऐसी सुविधाएं हैं जिनके लिए सबसे ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है। इतना ही नहीं टैक्स दरें लगातार बढ़ती भी जा रहीं हैं।