नीमच। आर.एस.बी.ओ.(रेलवे पोस्ट ऑफिस) नीमच में पदस्थ ग्रामीण डाक सेवक शाखा डाकपाल ने फर्जीवाड़ा कर वेतन प्राप्त कर लिया। विभाग से अपनी आपराधिक पृष्ट भूमि भी छिपाई। इस मामले की जांच अब मुख्य पोस्टमास्टर जनरल भोपाल द्वारा की जा रही है। राजनीतिक प्रभाव और डाक विभाग में कर्मचारी संगठन के संभागीय पद के बूते पर नीमच आर.एस.बी.ओ.में ग्रामीण डाक सेवक शाखा डाकपाल प्रेमशंकर पिता बसंतीलाल भट्ट कार्यालयीन समय में अनुपस्थित रहा और उपस्थिति दर्शा कर वेतन प्राप्त कर लिया।
ऐसा एक-दो नहीं बीसियों बार किया गया। उसके खिलाफ नीमच केंट, नीमच सिटी एवं मनासा पुलिस थानों में विभिन्न आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए और न्यायालय में हाजिर होकर जमानत कराना पड़ी, यहां तक की सजा भी हुई लेकिन अपने आपराधिक रिकॉर्ड को छिपाते हुए प्रेमशंकर ने विभाग को अवगत तक नहीं कराया।
इस मामले में एक तथ्यपूर्ण शिकायत ग्राम सावन निवासी प्रहलाद पिता रामनिवास ब्राहम्ण ने केंद्रीय संचार मंत्री, मुख्य पोस्टमास्टर जनरल भोपाल, उप सचिव (पीजी) प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, नई दिल्ली, डाक अधीक्षक मंदसौर से की है। करीब 105 पृष्ठीय इस शिकायत में कहा गया है कि प्रेमशंकर द्वार डाक विभाग के सेवा अनुबंध नियमों एवं शर्तोें के विपरीत काम किया। अपने कार्य स्थल से बिना अवकाश लिए अनुपस्थित रहा है और अनुपस्थिति की अवधि में भी उपस्थिति दर्शा कर वेतन प्राप्त किया।
ऐसा कृत्य प्रेमशंकर द्वारा पिछले 9 वर्षोें से किया जा रहा है। न्यायालयीन पेशी, जमानत एवं सजा के दौरान जब भी प्रेमशंकर न्यायालय में उपस्थित हुआ। भारतीय डाक विभाग/शासन से उसने कोई अवकाश नहीं लिया। उलटे अनुपस्थित रहने के बावजूद डाक विभाग से वेतन प्राप्त किया। कारण कि प्रेमशंकर शासन के रिकॉर्ड (उपस्थिति पंजी.) में फर्जीवाड़ा करता रहा है।