
शिकायतकर्ता इस बात को लेकर स्वतंत्र है कि वह अपने बारे में जानकारी दे सकता है और नहीं भी। उसकी पहचान चीफ सेफ्टी ऑफिसर के पास सुरक्षित रहेगी। वेबसाइट के मुताबिक, 'इन डीटेल्स का इस्तेमाल अगर जरूरी हुआ तो केवल अतिरिक्त सूचनाएं जुटाने में होगा या बताए गए खतरे पर की गई कार्रवाई पर फीडबैक के लिए होगा।' ऐसी खामियों की सूचना देने वाला व्यक्ति स्टेटस या की गई कार्रवाई की जानकारी भी ले सकता है।
शुक्रवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने सभी कर्मचारियों को पत्र लिखकर असुरक्षित गतिविधियों के बारे में रिपोर्ट करने को कहा है। उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि रेलवे अपने सिद्धांत 'सेफ्टी फर्स्ट' को कायम रखे। व्यवस्थित सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली से खतरों की पहचान कर ट्रेन ऑपरेशंस को सुरक्षित बनाया जा सकेगा। इससे हादसे को रोका जा सकेगा। लोहानी ने कहा है कि किसी भी अवैध गतिविधियों या मिसकंडक्ट के मामले में ही संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।