
बता दें कि मध्यप्रदेश के कई ग्रामीण इलाकों में लोग अपने बेटियों को इसलिए हाईस्कूल नहीं भेजते क्योंकि वो उनकी सामान्य पहुंच से दूर है एवं रास्ते में खतरा है। प्रशासनिक अधिकारी एवं सत्तारुढ़ दल के मंत्री इत्यादि इस तरह की मांग सामने आने पर उचित कार्रवाई का आश्वासन जरूर देते हैं परंतु राज्यपाल आनंदीबेन ने जिस तरह टका सा जवाब दिया। अब ग्रामीण शायद ही कभी हाईस्कूल की मांग कर पाएं।
इससे पहले आनंदीबेन ने कहा था कि पकौडे तलकर भी करियर बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया था कि पकौड़े तलकर व्यक्ति 5 साल में होटल खोल सकता है। लोग उनसे इस बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं। वो जानना चाहते हैं कि क्या किसानों की तरह पकौड़ा कारोबारियों के लिए करियर बीमा योजना है। यदि 5 साल में होटल नहीं खुला तो सरकार मुआवजा देगी।