इंदौर। देशभर में तरह-तरह के मंदिर और उनकी चमत्कारी मान्यताएं हैं। इंदौर में भी ऐसा ही एक शिवमंदिर है जिसके साथ चमत्कारी मान्यता जुड़ी हुई है। मंदिर का नाम है इंद्रेश्वर महादेव मंदिर। मान्यता यह है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग का जल यदि सूखे कुएं, तालाब, बावड़ी या बोरिंग में डाल दिया जाए तो वहां फिर से जलधारा फूट पड़ती है। कहा यह भी जाता है कि इसी मंदिर के नाम पर शहर का नाम इंदौर पड़ा।
मध्यप्रदेश के इंदौर में मौजूद इंद्रेश्वर महादेव मंदिर ही वह मंदिर है जिसके नाम के आधार पर शहर का नाम पहले इंदूर और फिर इंदौर हुआ। शहर के पंडरीनाथ इलाके में स्थित इस मंदिर के तलघर में इंद्रेश्वर महादेव विराजमान हैं। करीब 4 हजार वर्ष प्राचीन इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल को जिस भूमि पर डालकर बोरिंग या ट्यूबवेल कराया जाता है वहां पानी अवश्य निकलता है।
यही वजह है कि दशकों तक बोरिंग खोदने से पहले लोग यहां से जल ले जाया करते थे, फिलहाल मंदिर शासन की उपेक्षा के कारण जीर्णशीर्ण स्थिति में है। इस मंदिर की खासियत यह भी कि जब भी गर्मियों के बाद बारिश नहीं होने के कारण शहर में जलसंकट का खतरा मंडराया तो मंदिर में कन्याओं द्वारा जल चढ़ाने पर बारिश हो सकी, अब जबकि गर्मियों का मौसम आने को है तो एक बार फिर जलसंकट के चलते लोगों की आस्था मंदिर के प्रति बढ़ती नजर आ रही है।