
ये देश का सबसे बड़ा शोषण है। ज्ञात रहे की प्रेरको की संविदा अवधि सम्बंधित विभाग द्वारा 31 दिसम्बर 2017 को समाप्त कर साक्षर भारत योजना को बन्द की लिखित घोषणा जारी की गयी थी। पर देश में शेष रहे निरक्षरों को मूल्यांकन परीक्षा आगामी 25 मार्च 2018 को सम्मिलित करने की दृष्टि से दो दिवस पूर्व केंद्र सरकार द्वारा साक्षर भारत योजना व् प्रेरको की समयावधि 31 मार्च 2018 तक बढ़ाने की लिखित घोषणा जारी हुयी है जिसके परिपालन में मध्य प्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा आज 26 फ़रवरी 18 को समयावधि बढ़ाने का आदेश जारी किया गया है जो स्वागत योग्य है। पर केंद्र व् राज्य सरकार सहित सम्बंधित विभाग द्वारा पूर्व माह 31 दिसम्बर 2017 को योजना बन्द करने के उपरांत भी आज 2 माह पूर्ण होने को है पर सम्बंधित द्वारा आज तक प्रेरको को मानदेय देने की मंशा तक नही जताई जा रही है।
वही आज पुनः नया फरमान जारी कर योजना को सफल बनाने व शेष निरक्षरों को परीक्षा में सम्मिलित करने की दृष्टि से प्रेरको का फिर आगामी 25 मार्च को इस्तेमाल कर बाहर का रास्ता दिखाने की योजना धरातल पर उत्तर चुकी है। नीमच जिले सहित मध्य प्रदेश के प्रेरको द्वारा संगठन के तहत मध्य प्रदेश सरकार , केंद्र सरकार सहित राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल को आगाह किया जा रहा है की प्रेरको का आज दिवस तक का मानदेय आगामी 15 मार्च 2017 तक प्रेरको को हरहाल में दिया जाये। अन्यथा नीमच जिले सहित मध्य प्रदेश के साक्षर भारत प्रेरको द्वारा निरक्षरों की 25 मार्च 17 को होने वाली परीक्षा न तो प्रेरको द्वारा ली जायेगी और न ही किसी को लेने दी जायेगी। ये हम प्रेरको के भविष्य का फैसला है।
नीमच जिले के जगदीश पाटीदार, राजेश तावड, दारासिंह सिसोदिया, गोपालदास बैरागी, भेरूलाल मेघवाल, दिलखुश बारूपाल, राधेश्याम परिहार, शिवकुमार मौर्य, राधेश्याम नागदा सहित कई प्रेरको द्वारा सम्बंदित विभाग से अपील की गयी कि अगर सम्बंधित विभाग 15 मार्च तक प्रेरको का बकाया मानदेय दे देते है तो हम प्रेरक पूरी निष्ठां के साथ पूर्ववत की तरह अपनी सेवा प्रदान करते हुए प्रदेश व् देश को सार्थक व् सफल परिणाम देने हेतु प्रतिबद्ध है।